इस साल का शांति का नोबेल पुरस्कार जापान के एक विशेष संगठन को दिया गया
Richa Srivastava October 11, 2024 09:27 PM

स्टॉकहोमः इस वर्ष का शांति का नोबेल पुरस्कार जापान के एक विशेष संगठन को दिया गया है. बता दें कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर हुए अमेरिकी परमाणु बम हमलों के पीड़ितों के संगठन निहोन हिदान्क्यो को परमाणु शस्त्रों के खिलाफ उनके कार्यों के लिए शांति का यह नोबल पुरस्कार प्रदान किया जा रहा है. नॉर्वे नोबेल समिति के अध्यक्ष जॉर्गन वात्ने फ्रिदनेस ने आज इस संगठन को पुरस्कार देने की घोषणा की. उन्होंने  कहा कि “परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर रोक को लेकर बनी सहमति पर दबाव है” और इसलिए इस संगठन को पुरस्कार दिया जा रहा है.

नोबेल समिति ‘‘उन सभी जीवित बचे लोगों को सम्मानित करना चाहती है, जिन्होंने शारीरिक पीड़ा और भयावह यादों के बावजूद, शांति के लिए आशा तथा जुड़ाव पैदा करने के वास्ते अपने अनुभवों का इस्तेमाल करने का विकल्प चुना है.’’ हिदान्क्यो के अध्यक्ष तोमोयूकी मिमाकी यह समाचार मिलते ही खुशी से झूम उठे और उनकी आंखें नम हो गईं. उन्होंने तेज स्वर में पूछा, ‘‘क्या यह वाकई सच है? विश्वास नहीं हो रहा.’’ परमाणु हथियारों को समाप्त करने के प्रयासों को नोबेल समिति द्वारा पहले भी सम्मानित किया जा चुका है. ‘इंटरनेशनल कैंपेन टू एबॉलिश न्यूक्लियर वेपन्स’ को 2017 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया और 1995 में जोसेफ रोटब्लाट और विज्ञान तथा विश्व मामलों पर पगवाश सम्मेलनों को ‘अंतरराष्ट्रीय राजनीति में परमाणु हथियारों की किरदार को कम करने और लंबे समय में ऐसे हथियारों को समाप्त करने के उनके प्रयासों’ के लिए प्रदान किया गया था.

दुनिया में फैली अशांति के बीच शांति पुरस्कार की घोषणा

इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा ऐसे समय में की गई है, जब दुनिया के अनेक हिस्सों, खासकर पश्चिम एशिया, यूक्रेन और सूडान में विध्वंसक संघर्ष की स्थिति है. क्या इस वर्ष विजेता के चुनाव का फैसला यूक्रेन पर रूस के हमलों में परमाणु हथियारों की बात आने से प्रभावित है, इस प्रश्न के उत्तर में फ्रिदनेस ने कहा, ‘‘यह बहुत साफ है कि परमाणु शस्त्रों के इस्तेमाल का खतरा इन हथियारों के इस्तेमाल पर पाबंदी से संबंधित जरूरी अंतर्राष्ट्रीय नियमों पर दबाव बना रहा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए यह देखना चिंताजनक है कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का खतरा इस नियम को कैसे हानि पहुंचा रहा है. परमाणु शस्त्र के इस्तेमाल के विरुद्ध मजबूत अंतर्राष्ट्रीय पाबंदी को कायम रखना पूरी इन्सानियत के लिए जरूरी है.’’

किनके नाम पर मिलता है पुरस्कार

इस पुरस्कार के संस्थापक अल्फ्रेड नोबेल हैं, जिन्होंने अपनी वसीयत में बोला था कि यह पुरस्कार ‘‘राष्ट्रों के बीच भाईचारे के लिए, तैनात सेनाओं को हटाने या कम करने और शांति सम्मेलनों के आयोजन और संवर्धन के लिए अधिक कार्य या सर्वश्रेष्ठ कार्य करने के वास्ते’’ दिया जाना चाहिए. पिछले वर्ष ईरान में स्त्री अधिकारों, लोकतंत्र और मृत्युदंड के विरुद्ध सालों से संघर्ष कर रहीं और कारावास में बंद कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इसके बाद से दुनिया के कुछ हिस्सों में जारी संघर्ष के बीच इस तरह की अटकलें थीं कि नॉर्वे नोबेल समिति इस वर्ष पुरस्कार की घोषणा नहीं करेगी. नोबेल पुरस्कार के अनुसार 1.1 करोड़ स्वीडिश क्रोनर (10 लाख अमेरिकी डॉलर) की नकद राशि प्रदान की जाती है. स्टॉकहोम में घोषित किए जाने वाले अन्य नोबेल पुरस्कारों के विपरीत, पुरस्कार के संस्थापक अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के मुताबिक शांति पुरस्कार का फैसला ओस्लो में पांच सदस्यीय नॉर्वे नोबेल समिति करती है. अर्थशास्त्र के लिए इस सम्मान की घोषणा 14 अक्टूबर को की जाएगी.

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