Jharkhand Assembly Election 2024: 2005 में पहली बार हुए विधानसभा चुनाव में राजद का प्रर्दशन रहा था बेहतर
Richa Srivastava October 19, 2024 02:27 PM

Jharkhand Assembly Election 2024: पलामू प्रमंडल की सियासी जमीन पर कभी राजद और जदयू का कब्जा रहता था आंकड़ों पर गौर करें तो राज्य गठन के बाद 2005 में पहली बार हुए विधानसभा चुनाव में राजद का प्रर्दशन बेहतर रहा था इस चुनाव में पलामू प्रमंडल की नौ सीटों में से पांच सीट पर राजद ने जीत दर्ज की थी

इस पांच सीटों में गढ़वा से गिरिनाथ सिंह, मनिका से रामचंद्र सिंह (अभी कांग्रेस पार्टी के विधायक हैं), लातेहार से प्रकाश राम (फिलहाल बीजेपी में ), विश्रामपुर से रामचंद्र चंद्रवंशी(वर्तमान में बीजेपी विधायक) और पांकी से विदेश सिंह(अब दिवंगत) ने जीत दर्ज की थी जबकि, दो सीट पर जदयू ने कब्जा जमाया था इसमें डाल्टेनगंज से इंदर सिंह नामधारी और छत्तरपुर से राधाकृष्ण किशोर ने चुनाव जीता था बाकी की दो सीट पर भवनाथपुर से नवजवान संघर्ष मोर्चा के भानु प्रताप शाही (वर्तमान में बीजेपी विधायक) और हुसैनाबाद से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पार्टी के टिकट पर कमलेश कुमार सिंह (वर्तमान में बीजेपी में हैं) ने जीत दर्ज की थी

न तो जदयू का खाता खुला और न ही राजद का

इसके पहले 2000 के विधानसभा चुनाव में भी राजद के पास पलामू प्रमंडल की नौ में से चार सीटें थीं इसमें गढ़वा सीट पर गिरिनाथ सिंह, हुसैनाबाद पर संजय सिंह यादव, छत्तरपुर पर मनोज कुमार और विश्रामपुर सीट पर रामचंद्र चंद्रवंशी का कब्जा था वहीं, जदयू और समता पार्टी (तब समता पार्टी का विलय नहीं हुआ था) के पास चार सीटें थीं इसमें डालटनगंज से इंदर सिंह नामधारी, भवनाथपुर से रामचंद्र केसरी, पांकी से मधु सिंह (अब स्वर्गीय )और लातेहार सीट से बैजनाथ राम ने चुनाव जीता था लेकिन, मौजूदा सियासी स्थिति में हालात पूरी तरह बदल गयी हैं जिस सियासी जमीन को राजद कभी अपनी खतियानी जमीन मान कर चल रहा थी और जदयू का आधार वाला क्षेत्र माना जाता था, वहां 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में पलामू प्रमंडल में न तो जदयू का खाता खुला और न ही राजद का अंतिम बार 2009 में दोनों दलों को पलामू प्रमंडल में एक-एक सीट मिली थी हुसैनाबाद से राजद के संजय सिंह यादव और जदयू के टिकट पर सुधा चौधरी ने जीत दर्ज की थी सुधा चौधरी अर्जुन मुंडा की गवर्नमेंट में मंत्री भी बनी थीं

सरकार बनाने और गिराने के खेल में भी रहे शामिल

वर्ष 2000 में झारखंड राज्य गठन के बाद जो गवर्नमेंट बनी, उसमें जदयू का असर था इंदर सिंह नामधारी राज्य के पहले स्पीकर बने वहीं, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के कोटे से मधु सिंह, रामचंद्र केसरी और बैजनाथ राम को मंत्रिमंडल में स्थान मिली इस कोटे के मंत्री गवर्नमेंट बनाने और गिराने के खेल में भी शामिल रहे बोला जाता है कि राज्य की पहली बाबूलाल मरांडी की गवर्नमेंट को गिराने में मधु सिंह की किरदार अहम रही थी वह मनचाहा विभाग चाह रहे थे लेकिन, जब उन्हें वह विभाग नहीं मिला, तो उन्होंने गवर्नमेंट गिराने में एक्टिव किरदार निभायी थी स्वयं केसरी और मधु सिंह का सियासी रिश्ता कभी अच्छा नहीं रहा वहीं, केसरी और मधु सिंह की नामधारी से भी नहीं बनती थी लेकिन, तब गवर्नमेंट गिराने के खेल में मधु सिंह ने चतुराई से नामधारी को भी इसमें शामिल कर लिया था

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