सुल्तानपुर में देर रात दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन आरम्भ हुआ. अबीर-गुलाल उड़ाते श्रद्धालु मां दुर्गा की प्रतिमाओं का रथ लेकर सीताकुंड घाट पहुंचे और मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन किया. मां की प्रतिमाओं का विसर्जन देखने के लिए गोमती तट पर श्रद्धालु
सुल्तानपुर की ऐतिहासिक दुर्गा पूजा महोत्सव नौ दिन की पूजा-अर्चना के बाद भक्तों ने गुरुवार को मां दुर्गा को विदाई दी. विसर्जन से पहले मां की शोभायात्रा निकाली गई. डीजे एवं गाजे-बाजे की धुन पर अबीर-गुलाल उड़ाते हुए श्रद्धालु देर रात पौराणिक धाम सीताकुंड धाम विसर्जन स्थल पर पहुंचे और नम आंखों से मां को विदा किया. विसर्जन को लेकर पुलिस मुस्तैद रही.
विसर्जन के लिए रवाना हुई प्रतिमाएं गौरतलब है कि शारदीय नवरात्र की सप्तमी तिथि को पूजा पंडालों में दुर्गा प्रतिमा स्थापित कर दुर्गा पूजा महोत्सव का शुरुआत हुआ था. नौ दिन तक सामूहिक आरती, जागरण और भजनों से माहौल भक्तिपूर्ण बना रहा. गुरुवार को पूर्णिमा तिथि पर दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन शोभयात्रा को डीएम कृतिका ज्योत्स्ना एवं एसपी सोमेन वर्मा ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया था. उधर हवन-पूजन के बाद सभी पूजा पंडालों से मां दुर्गा की प्रतिमाएं ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सजाकर विसर्जन के लिए रवाना की गईं.
जिला प्रशासन के अधिकारी रहे मुस्तैद विसर्जन यात्रा में शामिल भक्त डीजे की धुन पर थिरकते हुए देवी दुर्गा के जयकारे लगा रहे थे. विभिन्न मार्गों से कस्बों का भ्रमण करते हुए शोभायात्रा विसर्जन स्थल पर पहुंची. देर रात प्रारम्भ हुआ विसर्जन का सिलसिला. आज देर रात तक चलेगा मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन. गोमती तट पर जिला प्रशासन के ऑफिसरों के साथ-साथ पीएससी एवं पुलिस बल के जवान, गोताखोर एवं केंद्रीय पूजा प्रबंध समिति, स्वयं सेवी संगठन के कार्यकर्ता उपस्थित रहे.