ईपीएफओ ने अगस्त महीने में नेट 18.53 लाख सदस्य जोड़े
newzfatafat October 21, 2024 02:42 AM



-अगस्त माह के दौरान ईपीएफओ में 9.3 लाख नए सदस्य जुड़े

-ईपीएफओ सदस्यों की संख्या 9.07 फीसदी बढ़कर 18.53 लाख

नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (हि.स.)। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अगस्त महीने में नेट 18.53 लाख सदस्यों को जोड़ा है, जो सालाना आधार पर 9.07 फीसदी की वृद्धि है। ईपीएफओ के जारी पेरोल आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने रविवार को एक जारी बयान में कहा कि ईपीएफओ ने अगस्त में करीब 9.30 लाख नए सदस्यों को जोड़ा है, जो अगस्त, 2023 के मुकाबले 0.48 फीसदी प्रतिशत की वृद्धि है। ईपीएफओ के जारी अगस्त के अस्थायी पेरोल आंकड़ों के मुताबिक अगस्त महीने में 18.53 लाख सदस्यों की नेट (शुद्ध) वृद्धि हुई, जो सालाना आधार पर 9.07 फीसदी की वृद्धि है।

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने कहा कि नए सदस्यों की संख्या में ये उछाल रोजगार के बढ़ते अवसरों, कर्मचारी लाभों के बारे में बढ़ती जागरुकता और ईपीएफओ के सफल पहुंच कार्यक्रमों के कारण है। सेवानिवृत्ति कोष निकाय ईपीएफओ के आंकड़ों में 18-25 आयु वर्ग के सदस्यों का प्रभुत्व है, जो अगस्त 2024 में कुल नए जुड़ने वाले सदस्यों का 59.26 फीसदी है। इसके अलावा अगस्त में 18-25 आयु वर्ग के लिए शुद्ध पेरोल डेटा 8.06 लाख है, जो एक उल्लेखनीय पहलू है। आंकड़ों से पता चलता है कि लगभग 13.54 लाख सदस्य ईपीएफओ से बाहर निकल गए और दोबारा इसमें शामिल हो गए। ये आंकड़ा साल-दर-साल 14.03 फीसदी की वृद्धि को दर्शाता है।

ईपीएफओ के पेरोल डेटा के लिंग-वार विश्लेषण से पता चलता है कि अगस्त महीने के दौरान जोड़े गए नए सदस्यों में से लगभग 2.53 लाख नई महिला सदस्य हैं, जो सालाना आधार पर 3.75 फीसदी की वृद्धि है। इसके अलावा अगस्त माह के दौरान शुद्ध महिला सदस्य की संख्या लगभग 3.79 लाख रही। ये साल-दर-साल 10.41 फीसदी की वृद्धि को दर्शाता है।

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के जारी पेरोल डेटा के अनुससार इन सदस्यों ने अपनी नौकरी को बदलने के बाद ईपीएफओ के दायरे में आने वाले प्रतिष्ठानों में फिर से शामिल हो गए। इन सदस्यों ने अंतिम निपटान के लिए आवेदन करने के बजाय अपने संचय को स्थानांतरित करने का विकल्प चुना, जिससे दीर्घकालिक वित्तीय कल्याण की रक्षा हुई और उनकी सामाजिक सुरक्षा का विस्तार हुआ है।

हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

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