पटना: बिहार विधानसभा की चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज को एक बड़ा झटका लगा है. आशा है कि तरारी विधानसभा सीट पर पार्टी द्वारा घोषित किए गए प्रत्याशी को बदलना पड़ सकता है. जनसुराज ने तरारी विधानसभा क्षेत्र में पूर्व सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित किया था. लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह भोजपुर जिले के करथ गांव के मूल निवासी हैं, मगर सेना से रिटायरमेंट के बाद वह लंबे वक़्त से दिल्ली में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं. इसी वजह से उनका नाम बिहार के किसी भी जिले की वोटर लिस्ट में नहीं है. वह वर्तमान में दिल्ली के मतदाताओं में सम्मिलित हैं तथा यही वजह है कि उनकी उम्मीदवारी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.
बिहार की वोटर लिस्ट में नाम न होने की वजह से लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह की उम्मीदवारी में मुश्किलें आ गई हैं. इस स्थिति के पश्चात् सियासी गलियारों में यह चर्चा प्रारम्भ हो गई है कि आखिर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी से लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह को लेकर ऐसी चूक कैसे हुई. वहीं, आशा है कि जनसुराज पार्टी सोमवार को रामगढ़ विधानसभा सीट के लिए अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर सकती है तथा उसके पश्चात् कभी भी तरारी विधानसभा सीट पर नए उम्मीदवार का घोषणा किया जा सकता है.
क्या है नियम?
नियमों के अनुसार, विधानसभा और विधान परिषद चुनाव में किसी भी आदमी का उस राज्य की वोटर लिस्ट में नाम होना जरूरी है. जबकि लोकसभा चुनाव की उम्मीदवारी के लिए राष्ट्र के किसी भी प्रदेश की मतदाता लिस्ट में नाम होना जरूरी है.
महागठबंधन ने किया प्रत्याशियों का ऐलान
रविवार को उपचुनाव के लिए महागठबंधन ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी. जिसके मुताबिक तरारी से भाकपा (माले) के उम्मीदवार राजू यादव होंगे, बेलागंज से आरजेडी के उम्मीदवार विश्वनाथ यादव होंगे, और इमामगंज से राजद के उम्मीदवार रौशन कुमार मांझी उर्फ राजेश मांझी होंगे. बिहार की बेलागंज, इमामगंज, रामगढ़ तथा तरारी सीट पर उपचुनाव होने हैं, जिन पर 13 नवंबर को वोटिंग होगी.