जानें, कमला हैरिस से क्यों खफा हैं भारतीय अमेरिकी नागरिक…
Krati Kashyap October 21, 2024 07:27 PM

American Election : वरिष्ठ भारतीय-अमेरिकी नेता स्वदेश चटर्जी ने  वॉशिंगटन में बोला है कि अमेरिका में रह रहा भारतीय समुदाय 5 नवंबर को होने वाले चुनाव में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Kamala Harris) को वोट देने से हिचकिचा रहा है, क्योंकि सीनेटर (Senator) या कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल के रूप में अपनी पिछली भूमिकाओं में हैरिस ने भारतीय समुदाय के बीच अपना जनाधार विकसित नहीं किया.

a look at some of the quotable quotes of democratic presidential nominee kamala harris

वर्ष 2001 में ‘पद्मभूषण’ से सम्मानित भारतीय समुदाय के डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़े नेता ने ‘इंडियन अमेरिकन्स फॉर हैरिस’ नामक समूह बनाया है, जो उपराष्ट्रपति के पक्ष में न केवल कैलिफोर्निया में चुनाव प्रचार कर रहा है बल्कि अन्य राज्यों में भी उपराष्ट्रपति का समर्थन कर रहा है.

भारतीय-अमेरिकी समुदाय उन्हें भारी मत देने से हिचकिचा रहा : चटर्जी ने स्वीकार किया है कि भारतीय-अमेरिकी समुदाय उन्हें भारी मत देने से हिचकिचा रहा है, क्योंकि वे उन्हें अच्छी तरह से नहीं जानते. उन्होंने बोला कि कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल के रूप में हैरिस ने भारतीय-अमेरिकी समुदाय में अपना जनाधार नहीं बनाया और सीनेटर के रूप में वे समुदाय की किसी भी बैठक या उनके किसी भी कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनीं. उन्होंने एक इंटरव्यू में बोला कि हालांकि वे भारतीय मूल की हैं, लेकिन उनके पास उस तरह का जनाधार नहीं है.

चटर्जी ने बोला कि अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए ऐतिहासिक चुनाव प्रचार का आखिरी पखवाड़ा है. राष्ट्रपति चुनाव के लिए हैरिस के सामने आने वाली चुनौतियों पर उनका अवलोकन भारतीय-अमेरिकियों से उन्हें और उनकी टीम को मिली जानकारी पर आधारित है.

कमला हैरिस को लेकर विश्वसनीयता की कमी : एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने बोला कि यह एक चुनौती हो सकती है. हालांकि वे (हैरिस की चुनाव प्रचार अभियान टीम) इसका निवारण करने की प्रयास कर रहे हैं. वे अच्छी तरह जानते थे कि एशियाई अमेरिकी और दक्षिण एशियाई समुदाय दोनों में ही कमला हैरिस को लेकर विश्वसनीयता की कमी है. भारतीय-अमेरिकी नेता ने बोला कि समुदाय पूरी तरह बंटा हुआ है.

उन्होंने बोला कि जो भारतीय-अमेरिकी थोड़े समृद्ध हैं, उन्हें लगता है कि (रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार) डोनाल्ड ट्रंप कर घटाएंगे. साथ ही हिन्दू धर्म के बारे में थोड़ा-बहुत जानने वाले लोगों को लगता है कि टेक्सास और अहमदाबाद में क्रमश: ‘हाउडी मोदी’ और ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रमों के कारण अमेरिका-भारत संबंधों के लिए ट्रंप बेहतर होंगे.

चटर्जी के मुताबिक हैरिस जब सीनेट सदस्य थीं तब उन्होंने अपनी मां के सहयोग और अपनी भारतीय विरासत को मान्यता नहीं दी. उन्होंने बोला कि जब वे उपराष्ट्रपति के रूप में चुनी गईं तब वे वास्तव में भारतीय-अमेरिकी समुदाय में शामिल हो गईं. बहुत से समुदाय के नेताओं ने उनका समर्थन किया और वे निर्वाचित हुईं. राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी भारतीय-अमेरिकियों का समर्थन किया.

चटर्जी ने बोला कि उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी के सम्मेलन में इस बात को स्वीकार किया इसलिए कृपया पार्टी लाइन का सम्मान करें और कृपया (उनका) समर्थन करें. यही संदेश मैं समुदाय को देना चाहता हूं. एक प्रश्न के उत्तर में चटर्जी ने बोला कि सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी ने भारतीय-अमेरिकियों को एशियाई-अमेरिकी-प्रशांत द्वीपवासियों के समूह में बांट दिया है, जो समुदाय को पसंद नहीं है.

चटर्जी ने बोला कि राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के तौर पर हैरिस ने भारतीय-अमेरिकियों के लिए कोई कार्यक्रम नहीं किया है. कमला हैरिस के प्रति भारतीय-अमेरिकी समुदाय की प्रतिक्रिया मिली-जुली रही है. जब तक आप इसमें शामिल नहीं होते, आप बड़ी तस्वीर नहीं देख पाते. साफ कहूं तो अमेरिका-भारत संबंध आज ऐसे बिंदु पर है, जहां यह अर्थ नहीं रखता कि व्हाइट हाउस में कौ

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