लखनऊ में मंगलवार को यूपी माध्यमिक शिक्षक संघ के बैनर तले प्रदर्शन हुआ . प्रदेश के 75 जनपदों से आए शिक्षकों ने 19 सूत्रीय मांगों को लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक का घेराव किया. नाराज शिक्षकों ने गवर्नमेंट और ऑफिसरों के विरोध में जमकर नारेबाजी की.
‘पुरानी पेंशन पर सरकार की नीयत ठीक नहीं‘
‘अधिकारी कर रहे हैं गुमराह‘
शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी संजय द्विवेदी ने बोला कि गवर्नमेंट यदि संगठन से वार्ता करे तो समस्याओं का निवारण निकल जाएगा. अधिकारी लगातार गवर्नमेंट और सीएम को गुमराह करने का काम कर रहे हैं.हमारी सुनवाई नहीं हुई तो आंदोलन और प्रदर्शन का रास्ता अपनाया जाएगा. उन्होंने बोला कि ये बहुत दुख की बात है कि भदोही में प्रिंसिपल की निर्मम मर्डर कर दी गई, इस घटना से शिक्षकों की सुरक्षा पर भी सवालिया निशान खड़े होते हैं. संजय ने कहा कि पहले संगठन ने 75 जनपदों और 18 मंडलों में प्रदर्शन किया और आज प्रदेशव्यापी प्रदर्शन कर रहे हैं.
शिक्षक संघ की प्रमुख मांग
पुरानी पेंशन प्रणाली ( ओ।पी।एस) लागू किया जाए, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एन।पी।एस।) खत्म किया जाए .
उत्तर प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्त तदर्थ शिक्षकों को स्थायी किया जाए
मान्यता प्राप्त वित्तविहीन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को समान कार्य , समान वेतन दिया जाए
राजकीय और सहायता प्राप्त विद्यालयों में राष्ट्रीय नीति 2020 के मुताबिक विद्यार्थी शक्ति के आधार पर शिक्षक जनशक्ति का ऑकलन करते हुए समायोजन प्रक्रिया लागू हो.
शिक्षकों और कर्मचारियों को चिकित्सकीय सुविधा प्रदान की जाय.
8 वें वेतन आयोग के गठन की अधिसूचना जारी की जाय
प्राप्त हो रहे 50 प्रतिशत महंगाई भत्ते का वेतन का अंश मानते हुए वेतन और अन्य भत्ता दिया जाय.
केन्द्रीय कर्मचारियों की तरह प्रदेश के शिक्षकों को अवकाश , ग्रेच्युटी और आवास भत्ते का फायदा देने की मांग
प्रदेश के कार्यरत व्यावसायिक शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार उनकी योग्यता और सेवा को ध्यान में रखते हुए शिक्षक पद पर समायोजित करने की मांग.