Guru Pushya Nakshatra 2024: सभी जगह दिपावली (diwali) की तैयारी घरों सहित बाजारों में शुरू हो चुकी है. 24 अक्टूबर को गुरु पुष्य योग रहेगा, जिनमें प्रॉपर्टी (Property), ज्वैलरी (Jewellery), गाड़ियों (Vehicle) से लेकर इलेक्ट्रॉनिक सामान तक खरीदना शुभ होगा. इस दिन अहोई अष्टमी व्रत भी रखा जायेगा.
दीपावली पर्व के अवसर पर नया सामान खरीदने की परम्परा है, 24 अक्टूबर को गुरु पुष्य योग है. इसमें खरीदारी करना अत्यंत शुभ माना जाता है. गाड़ी, स्वर्ण, चांदी, वस्त्रत्त्, बर्तन की खरीदारी शुभ रहेगा. इस दिन अहोई अष्टमी (Ahoi ashtami vrat) का व्रत का संयोग भी बन रहा है.
गुरु पुष्य नक्षत्र 2024 खरीदारी मुहूर्त (Guru Pushya Nakshatra 2024 Muhurat)
पंचांग के अनुसार 24 अक्टूबर सुबह 11:38 बजे से 25 अक्टूबर दोपहर 12:35 बजे तक पुष्य नक्षत्र का योग रहेगा. पुष्य नक्षत्र शनि प्रधान है, लेकिन इसकी प्रकृति गुरु जैसी होती है. इस दिन स्वर्ण आभूषण, हीरा, देव प्रतिमा, भूमि-भवन, वाहन, फ्रिज, टीवी, वॉशिंग मशीन खरीदना चाहिए. पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि होने से स्थायी संपत्ति की खरीदी यानी भूमि, भवन, व्यावसायिक प्रतिष्ठान विशेष फलदायी माने जाते हैं.
आप गुरुवार 24 अक्टूबर को सुबह 11:45 से खरीदारी शुरू कर सकते हैं और अगले दिन भी दोपहर तक खरीदारी करना शुभ माना जाएगा, हालांकि अगर आप जमीन या किसी भी तरह की अचल संपत्ति खरीदना चाहते हैं तो, उसके लिए गुरुवार का दिन ही ज्यादा शुभ माना जाएगा.
गुरु पुष्य नक्षत्र समेत 5 शुभ संयोग (Guru Pushya Nakshatra 2024 Auspicious yoga)
इस साल की गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन कुल 5 शुभ संंयोग बन रहे हैं. इन 5 शुभ संयोगों के कारण खरीदारी शुभ फलदायी और महत्वपूर्ण है.
गुरु पुष्य योग का महत्व (Guru Pushya Nakshatra Significance)
दीपावली से 7 दिन पहले 24 अक्तूबर को गुरुवार के दिन यह नक्षत्र रहेगा. जब भी गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र होता है तो इसे गुरु पुष्य की संज्ञा दी जाती है.
इस दिन सोना-चांदी और अचल संपत्ति खरीदने से बहुत लाभ मिलता है. माना जाता है कि, इस नक्षत्र में आप जो भी चीज खरीदते हैं वो बरकत देती है. उससे आपके जीवन में सुख-समृद्धि आती है और पारिवारिक जीवन सुखमय बना रहता है.
पुष्य नक्षत्र में इनकी खरीदी स्थायी लाभ
लक्ष्मी-नारायण की पूजा से समृद्धि
गुरु पुष्य योग में माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व माना गया है. इस दिन माता लक्ष्मी को खीर, दूध से बनी मिठाई और भगवान विष्णु को तुलसी दल, पंचामृत, गुड़ आदि का भोग लगाने का विधान है. कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. लक्ष्मी-नारायण की कृपा से धन-संपत्ति में बढ़ोत्तरी होती है.
बृहस्पति और शनि देव की बरसेगी कृपा
वहीं, गुरु पुष्य योग को आभूषण, गाड़ी, भूमि, भवन, गृह सामग्री फ्रिज, टीवी आदि खरीदना शुभ साबित होगी. अपने पसंदीदा सामान की इस दौरान खरीदारी कर घरों में खुशियां ला सकते हैं. शनि काे काल पुरुष की ऊर्जा और पुरुषार्थ की प्रेरणा का कारक माना जाता है, बृहस्पति को आध्यात्म, शिक्षा, ज्ञान और त्याग का कारक बताया गया है. पुष्य नक्षत्र के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी है. ऐसे में हर प्रकार के कार्य सिद्ध माने गए हैं. इसलिए सुख-सुविधा को देखते हुए खरीदी करने की मान्यता है.
नक्षत्रों का राजा है पुष्य नक्षत्र
कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर गुरुवार होने से यह ‘गुरु पुष्य’ नक्षत्र कहलाएगा. धन की देवी महालक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है. गुरु पुष्य नक्षत्र को 27 नक्षत्रों के समूह में राजा कहा जाता है. ज्योतिष गणना में पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि और उप स्वामी बृहस्पति है.
Dhanteras 2024: तेरस तो हर महीने आती है, फिर धनतेरस पर ही क्यों होती है लक्ष्मी जी की पूजा?
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.