इस दिन सोने में निवेश का मिलता है अक्षय लाभ
Richa Srivastava October 25, 2024 01:27 AM

आज यानी गुरुवार, 24 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र है. दीपावली से पहले खरीदारी और पूजा-पाठ के नजरिए से ये दिन बहुत खास है. ऐसा बोला जाता है कि इस दिन सोने में निवेश का अक्षय फायदा मिलता है.

ऐसे में यदि आप सोने में निवेश का प्लान बना रहे हैं तो ये ठीक समय हो सकता है. आज पुष्य नक्षत्र के मौके पर हम आपको सोने में निवेश के 4 उपायों के बारे में बता रहे हैं…

1. फिजिकल गोल्ड: सोने के बिस्किट-सिक्के खरीद सकते हैं

फिजिकल गोल्ड में निवेश यानी ज्वेलरी या सोने के बिस्किट-सिक्के खरीदना. एक्सपर्ट्स ज्वेलरी खरीदने को सोने में निवेश करने का ठीक तरीका नहीं मानते हैं, क्योंकि इस पर GST और मेकिंग चार्ज देना पड़ता है. इसीलिए इसमें आपको पहले ही अधिक पैसे चुकाने पड़ते हैं. वहीं ज्वेलरी बनवाने पर आप 24 कैरेट सोने में निवेश नहीं करते हैं, क्योंकि 24 कैरेट शुद्धता सोने की ज्वेलरी नहीं बनती है. हालांकि आप सोने के बिस्किट या सिक्के में निवेश कर सकते हैं.

2. गोल्ड बॉन्ड: 2.50% का निश्चित ब्याज भी मिलता है

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक सरकारी बॉन्ड है, जिसे गवर्नमेंट समय-समय पर जारी करती है. इसका मूल्य रुपए या $ में नहीं होता है, बल्कि सोने के वजन में होता है. यदि बॉन्ड 1 ग्राम सोने का है, तो 1 ग्राम सोने की जितनी मूल्य होगी, उतनी ही बॉन्ड की मूल्य होगी. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में इश्यू प्राइस पर हर वर्ष 2.50% का निश्चित ब्याज मिलता है. इसमें निवेश के लिए डीमैट एकाउंट महत्वपूर्ण होता है.

इसे खरीदना है आसान: गोल्ड बॉन्ड खरीदने के लिए आपको किसी ब्रोकर के माध्यम से डीमैट एकाउंट खोलना होगा. इसमें एनएसई पर मौजूद गोल्ड बॉन्ड के यूनिट आप खरीद सकते हैं और उसके बराबर की राशि आपके डीमैट एकाउंट से जुड़े बैंक एकाउंट से कट जाएगी. इसमें ऑफलाइन भी निवेश किया जा सकता है.

3. गोल्ड ETF: स्टॉक एक्सचेंजों पर खरीद और बेच सकते हैं

सोने को शेयरों की तरह खरीदने की सुविधा को गोल्ड ETF कहते हैं. ये एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड हैं, जिन्हें स्टॉक एक्सचेंजों पर खरीदा और बेचा जा सकता है. वैसे गोल्ड ETF का बेंचमार्क स्पॉट गोल्ड की कीमतें हैं, आप इसे सोने की असली मूल्य के करीब खरीद सकते हैं.

निवेश के लिए डीमैट एकाउंट जरूरी: गोल्ड ETF खरीदने के लिए आपको डीमैट एकाउंट खोलना होगा. इसमें NSE या BSE पर मौजूद गोल्ड ETF के यूनिट आप खरीद सकते हैं और उसके बराबर की राशि आपके डीमैट एकाउंट से जुड़े बैंक एकाउंट से कट जाएगी.

4. पेमेंट ऐप: 1 रुपए का गोल्ड भी खरीद सकते हैं

अब आप अपने SmartPhone से ही डिजिटल गोल्ड में निवेश कर सकते हैं. इसके लिए बहुत अधिक पैसा खर्च करने की भी आवश्यकता नहीं है. आप अपनी सुविधानुसार जितनी मूल्य का चाहें, सोना खरीद सकते हैं. यहां तक कि 1 रुपए का भी. यह सुविधा अमेजन-पे, गूगल पे, पेटीएम, फोनपे और मोबिक्विक जैसे प्लेटफॉर्म पर मौजूद है.

बीते 5 वर्ष में सोने ने दिया 55% रिटर्न

लॉन्ग टर्म के लिए सोने में निवेश लाभ वाला रहता है. बीते 5 वर्षों की बात करें तो सोने ने 55% का रिटर्न दिया है यानी सालाना 11%. अक्टूबर 2020 में सोना 50,605 रुपए प्रति 10 ग्राम पर था जो अब 78,446 पर पहुंच गया है.

सोना खरीदते समय इन 4 बातों का रखें ध्यान

1. सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें: हमेशा ब्यूरो ऑफ भारतीय स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें. सोने पर 6 अंकों का हॉलमार्क कोड रहता है. इसे हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर यानी HUID कहते हैं. ये नंबर अल्फान्यूमेरिक यानी कुछ इस तरह होता है- AZ4524. हॉलमार्किंग के जरिए ये पता करना संभव है कि कोई सोना कितने कैरेट का है.

2. मूल्य क्रॉस चैक करें: सोने का ठीक वजन और खरीदने के दिन उसकी मूल्य कई सोर्सेज (जैसे इण्डिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट) से क्रॉस चेक करें. सोने का रेट 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट के हिसाब से भिन्न-भिन्न होता है.

24 कैरेट सोने को सबसे शुद्ध सोना माना गया है, लेकिन इसकी ज्वेलरी नहीं बनती, क्‍योंकि वो बहुत मुलायम होता है. आमतौर पर ज्वेलरी के लिए 22 कैरेट या इससे कम कैरेट सोने का इस्तेमाल किया जाता है.

मान लीजिए 24 कैरेट सोने का मूल्य 78 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम है. यानी एक ग्राम सोने की मूल्य हुई 7,800 रुपए. ऐसे में 1 कैरेट शुद्धता वाले 1 ग्राम सोने की मूल्य हुई 7,800/24 यानी 325 रुपए.

अब मान लीजिए आपकी ज्वेलरी 18 कैरेट शुद्ध सोने से बनी है तो 18×325 यानी इसकी मूल्य 5,850 रुपए प्रति ग्राम हुई. अब आपकी ज्वेलरी जितने भी ग्राम की है उसमें 5,850 रुपए का गुणा करके सोने की ठीक मूल्य निकाली जा सकती है.

3. कैश पेमेंट न करें, बिल लें: सोना खरीदते समय कैश पेमेंट की स्थान UPI और डिजिटल बैंकिंग के जरिए पेमेंट करना अच्छा है. आप चाहें तो डेबिट या क्रेडिट कार्ड के माध्यम से भी पेमेंट कर सकते हैं. इसके बाद बिल लेना न भूलें. यदि औनलाइन ऑर्डर किया है तो पैकेजिंग जरूर चेक करें.

4. रीसेलिंग पॉलिसी जान लें: कई लोग सोने को निवेश की तरह देखते हैं. ऐसे में महत्वपूर्ण है कि आपको सोने की रीसेल वैल्यू के बारे में पूरी जानकारी हो. साथ ही संबंधित ज्वेलर की बायबैक पॉलिसी पर भी स्टोर कर्मचारियों से वार्ता कर लें.

सोने में सीमित निवेश फायदेमंद

HDFC सिक्योरिटीज के कमोडिटी और करेंसी हेड अनुज गुप्ता कहते हैं कि आपको सोने में सीमित निवेश ही करना चाहिए. एक्सपर्ट के मुताबिक कुल पोर्टफोलियो का केवल 10 से 15% ही सोने में निवेश करना चाहिए. किसी संकट के दौर में सोने में निवेश आपके पोर्टफोलियो को स्थिरता दे सकता है, लेकिन लंबी अवधि में यह आपके पोर्टफोलियो के रिटर्न को कम कर सकता है.

भारत में हर वर्ष 800 टन सोने की खपत

  • भारत में हर वर्ष 800 टन सोने की खपत हिंदुस्तान में हर वर्ष 700-800 टन सोने की खपत होती है जिसमें से 1 टन का उत्पादन हिंदुस्तान में ही होता है और बाकी आयात किया जाता है.
  • वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक हिंदुस्तान के घरों में 2019 में 25,000 टन से अधिक सोना. डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेजरी के 2021 के डेटा के अनुसार अमेरिकी खजाने में 8,000 टन सोना ही है.
  • सोना एक ‘नोबेल’ धातु है, यानी इसमें न ही जंग लगती और न ही इसकी चमक कम होती है. अन्य ‘नोबेल’ धातुओं में रूथेनियम, रोडियम, पैलेडियम, चांदी, ऑस्मियम, इरिडियम, प्लैटिनम, पारा, रेनियम और तांबा शामिल हैं.
  • सोना पृथ्वी का 58वां सबसे दुर्लभ तत्व है. सबसे पहले सोने के सिक्के 700-650 ईसा पूर्व के बीच लिडिया में बनाए गए थे. वे इलेक्ट्रम से बने थे, जो सोने का एक प्राकृतिक मिश्र धातु है.

 

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