FIU ने यूनियन बैंक पर 54 लाख रुपये का लगाया जुर्माना
Richa Srivastava October 25, 2024 01:27 AM

PMLA Violations: यदि आपका बैंक एकाउंट यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया (Union Bank of India) में है तो यह समाचार आपके काम की है जी हां, फाइनेंश‍ियल इंटेलीजेंस यून‍िट (FIU) ने यूनियन बैंक पर 54 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है यह पेनाल्‍टी संदिग्ध लेनदेन के बारे में जानकारी नहीं देने और मुंबई की एक ब्रांच में कुछ एकाउंट की पीएमएलए (PMLA) के अनुसार जांच-पड़ताल नहीं करने पर लगाई है वित्त मंत्रालय के अनुसार काम करने वाली एफआईयू (FIU) ने 1 अक्टूबर को प्रि‍वेंशन ऑफ मनी लॉन्‍ड्र‍िंग एक्‍ट (PMLA) की धारा 13 के अनुसार जुर्माना नोटिस जारी किया है

KYC और एंटी मनी लॉन्‍ड्र‍िंग से न‍ियमों के पालन में खाम‍ियां

एजेंसी ने बोला कि बैंक की तरफ से लिखित और मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद उसके विरुद्ध लगे आरोपों को ठीक पाया गया एफआईयू पूरे मुद्दे की जांच के दौरान बैंक के परिचालन की ‘व्यापक समीक्षा’ में अपने ग्राहक को जानें (KYC) और एंटी मनी लॉन्‍ड्र‍िंग (AML) के पालन से जुड़ी ‘अनियमितताएं’ पाई गईं सार्वजनिक आदेश के मुताबिक, यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया की मुंबई के हिल रोड ब्रांच में चल रहे स्‍पेस‍िफ‍िक करंट एकाउंट (Specific Current Accounts) की जांच से पता चला कि एक एनबीएफसी और इससे जुड़ी इकाइयों के एकाउंट में सामान्य नियंत्रण वाली इकाइयों के जरिये बड़े पैमाने पर पैसे भेजे जा रहे थे

बैंक ने सिर्फ़ एक संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट दाखिल की थी
एफआईयू (FIU) ने पाया कि एक ही रज‍िस्‍टर्ड पते और समान फायदेमंद मालिकों वाली संस्थाओं से जुड़ी ‘गंभीर अनियमितताएं’ पाई गईं एजेंसी ने बोला कि इन एकाउंट की बैंक की जांच अपर्याप्त थी क्योंकि सिर्फ़ एक संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट (STR) दाखिल की गई थी जबकि संबंधित एकाउंट लेनदेन की ज्‍यादा राशि और कई अलर्ट जारी किए गए थे एफआईयू (FIU) ने बोला कि बैंक की उचित पड़ताल और नज़र की पर्याप्तता के बारे में चिंताएं पैदा होने के बाद उसे एक नोटिस जारी किया गया बैंक का उत्तर आने के बाद ही यह कार्रवाई की गई

बैंक पर 54 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया एफआईयू ने कहा, ‘बैंक अपने आंतरिक तंत्र और लेनदेन नज़र दृष्टिकोण का री-इवेल्‍यूएशन करेगा, खासकर जहां कस्‍टमर एकाउंट पर बड़ी संख्या में अलर्ट उत्पन्‍न होते हैं, लेकिन बाद में सरसरी तौर पर बंद कर दिए जाते हैं’ हालांकि उनकी अधिकृत पूंजी सिर्फ़ एक लाख रुपये थी, इनमें से प्रत्येक इकाई ने अपने घोषित व्यावसायिक कार्यों के अनुपात में असामान्‍य क्रेडिट कारोबार दिखाया, जिससे प्रश्‍न में एनबीएफसी के एकाउंट से अहम आरटीजीएस इनफ्लो हुआ

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