निवेश के लिए भारत से बेहतर कोई जगह नहीं है – पीएम मोदी
Richa Srivastava October 26, 2024 01:27 AM

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज के सामने हिंदुस्तान के विकास की गाथा सुनाई. इस दौरान पीएम ने जर्मनी की कंपनियों को राष्ट्र में निवेश के लिए आमंत्रित किया. प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को बोला कि निवेश के लिए हिंदुस्तान से बेहतर कोई स्थान नहीं है और राष्ट्र की विकास गाथा का हिस्सा बनने का यह ठीक समय है. पीएम ने ‘एशिया पैसिफिक कॉन्फ्रेंस ऑफ जर्मन बिजनेस’ के यहां आयोजित 18वें सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने बोला कि विदेशी निवेशकों के लिए हिंदुस्तान की विकास गाथा का हिस्सा बनना, ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ पहल में शामिल होने का यह ‘सही’ समय है.

पीएम मोदी ने कहा, ‘‘ जर्मनी ने हिंदुस्तान के कुशल कार्यबल में जो विश्वास व्यक्त किया है, वह अद्भुत है. क्योंकि यूरोपीय देश ने कुशल भारतीय कार्यबल के लिए वीजा की संख्या 20,000 से बढ़ाकर 90,000 करने का फैसला लिया है.’’ मोदी ने कहा, ‘‘ हिंदुस्तान की विकास गाथा का हिस्सा बनने का यह ठीक समय है. हिंदुस्तान वैश्विक व्यापार तथा विनिर्माण का केंद्र बन रहा है.’’ हिंदुस्तान आज लोकतंत्र, जनसांख्यिकी, मांग और ‘डेटा’ के मजबूत स्तंभों पर खड़ा है. आज का हिंदुस्तान सड़कों और बंदरगाहों में रिकॉर्ड निवेश कर रहा है. साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र दुनिया के भविष्य के लिए बहुत जरूरी है. यह सम्मेलन 12 सालों के अंतराल के बाद शुक्रवार को आयोजित किया गया.

2047 तक हिंदुस्तान को विकसित बनाने का ढांचा तैयार

पीएम मोदी ने बोला कि गवर्नमेंट ने 2047 तक हिंदुस्तान को विकसित देश बनाने का ढांचा तैयार किया है और इस जरूरी समय में जर्मनी के मंत्रिमंडल ने दोनों राष्ट्रों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए ‘भारत पर केंद्रित’ डॉक्यूमेंट्स जारी किया है. उन्होंने बोला कि हिंदुस्तान विविधीकरण, जोखिम मुक्त, व्यापार तथा विनिर्माण का केन्द्र बन रहा है और यह जर्मनी की कंपनियों को व्यापक व्यावसायिक अवसर मौजूद कराता है. मोदी ने कहा, ‘‘निवेशकों तथा कंपनियों के लिए ‘‘भारत से बेहतर जगह और क्या हो सकता है?’’ पीएम ने बोला कि हिंदुस्तान के विकास के चार प्रमुख स्तंभ प्रतिभा, प्रौद्योगिकी, नवाचार और बुनियादी ढांचा हैं. इन सबको आगे बढ़ाने के लिए ‘‘हमारे पास आकांक्षी हिंदुस्तान की शक्ति है.

भारत जर्मनी का द्विपक्षीय व्यापार 30 अरब $ के पार

मोदी ने बोला कि हिंदुस्तान कौशल तथा प्रौद्योगिकी के लोकतंत्रीकरण पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. कृत्रिम मेधा, सेमीकंडक्टर, हरित हाइड्रोजन और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों से संबंधित इसके जरूरी मिशन भी निवेश तथा योगदान के अवसर प्रदान करते हैं. उन्होंने बोला कि आने वाले प्रतिनिधिमंडल को हिंदुस्तान की संस्कृति, भोजन और खरीदारी का भी आनंद लेना चाहिए. हिंदुस्तान और जर्मनी के बीच वर्तमान में द्विपक्षीय व्यापार 30 अरब $ से अधिक है. जर्मनी की कई कंपनियां हिंदुस्तान में काम कर रही हैं, जबकि भारतीय कंपनियां भी जर्मनी में अपनी उपस्थिति बढ़ा रही हैं.

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