भारत-चीन LAC समझौते को लेकर ये क्या बोल गए AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी?
एबीपी लाइव October 27, 2024 02:12 AM

India-China Relations: भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के किनारे डिप्सांग और डेमचोक में "संयुक्त गश्त" करने पर सहमति बनी है. यह कदम टकराव की स्थिति से बचने के लिए उठाया गया, जबकि इन क्षेत्रों में डिसइंगेजमेंट (आमने-सामने से हटना) 29 अक्टूबर तक पूरा होने की उम्मीद है. सेना के सूत्रों के अनुसार, गश्त महीने के आखिर में फिर से शुरू होगी.

'दि हिंदू' ने आधिकारिक सूत्र के हवाले से बताया कि यह सहमति बनी है कि यांग्स्टे, अरुणाचल प्रदेश में चीनी गश्त को पहले की तरह रोका नहीं जाएगा. सेना के सूत्रों ने कहा कि डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया 22 अक्टूबर से शुरू हुई थी और 29 अक्टूबर तक पूरी होने की संभावना है, जिसके बाद गश्त फिर से शुरू होगी. इस पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने निशाना साधा. उन्होंने एक्स पर लंबा पोस्ट लिखा है. 

असदुद्दीन ओवैसी ने उठाई श्वेत पत्र की मांग

एआईएमआईएम चीफ ने चिंता जताते हुए कहा, "यह साफ है कि चीन की ओर से सरहद पर स्थिति में बदलाव किया गया है और मोदी सरकार ने इस नए स्थिति को कमजोर तरीके से स्वीकार कर लिया है. भारत के रणनीतिक हितों की सुरक्षा इस व्यवस्था से नहीं की गई है." उन्होंने सरकार से मांग की कि इस चीन सीमा संकट पर एक श्वेत पत्र पेश किया जाए, तीन दिन की बहस संसद में हो और बाहरी मामलों तथा रक्षा पर स्थायी समितियों की रिपोर्ट पेश की जाए. असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा, "भारतीय जनता का संविधानिक अधिकार है कि उन्हें यह जानकारी मिले कि सरकार ने 2020 से अब तक क्या किया है."

'मोदी सरकार गलत जानकारी दे रही है'

हैदराबाद से लोकसभा सांसद ने आगे बताया, "मोदी सरकार सीमा पर सामान्य स्थिति में वापसी के बारे में क्यों गलत जानकारी दे रही है, जबकि लद्दाख में बफर जोन बने हुए हैं और न तो कोई डि-एस्केलेशन हुआ है और न ही डि-इंडक्शन? मोदी जी की इस बेबसी की वजह क्या है, जिन्होंने शी जिनपिंग को लाल आंखें दिखाने का वादा किया था?"

India China Relations: 'सफलता के पीछे सेना, उसने...', भारत-चीन में समझौते पर विदेश मंत्री एस जयशंकर 

© Copyright @2024 LIDEA. All Rights Reserved.