नीतीश कुमार के एनडीए-आरजेडी से पाला बदली की कहानी
Garima Singh October 28, 2024 09:28 PM
 पटना बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने एक बार फिर बोला कि वह अब एनडीए छोड़कर कहीं नहीं जाने वाले हैं इसके साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए यह ख़्वाहिश भी जताई कि वह चौथी बार भी पीएम बनें मुख्यमंत्री नीतीश ने बिहार एनडीए की मीटिंग में कहा, 2 बार राजद के साथ जा कर मैंने गलती की, लेकिन अब नहीं मैं भाजपा के साथ रहूंगा नीतीश कुमार ने अपने पार्टी के कुछ नेताओं की ओर इशारा कर बोला कि इन्हीं लोगों के कारण मैं 2 बार गया था भाजपा के साथ हमारा रिश्ता 1996 से है 2 बार गड़बड़ हुआ अब कहीं नहीं जाने वाले

बिहार की राजनीति की जब भी चर्चा होती है तो केंद्र में नीतीश कुमार ही रहते हैं साल 1996 से नीतीश कुमार एनडीए के साथ हैं लेकिन, बीते दो दशक की बिहार की राजनीति में उनका मन बदलना तकिया कलाम बन गया है साल 2017 में तब मन बदला जब उन्होंने पाला बदल लिया और आरजेडी का साथ छोड़ एनडीए के साथ हो लिये इसके बाद साल 2022 में फिर मन बदला हालांकि इसके पहले साल 2013 भी आता है जब इन्होंने वर्तमान पीएम और गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर भाजपा का साथ छोड़ दिया था अब जब नीतीश कुमार ने बोला है कि वह प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को चौथी बार भी पीएम के तौर पर देखना चाहते हैं तो इन तीनों की प्रकरणों पर एक नजर डालते हैं

मन बदलने से लेकर पाला बदली की कहानी
नीतीश कुमार का मन बदलने और फिर पाला बदलने के पीछे की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है तीनों ही बार ऐसी पृष्ठभूमि तैयार हुई जो मन बदलने के अंत-अंत तक किसी को पता नहीं चल पाया था पहले साल 2013 की बात करते हैं राजनीति के जानकार कहते हैं कि पीएम पद की महत्वाकांक्षा उनके अंदर 2010 में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद से ही बलवती हो गई थी साल 2013 आते-आते इसने और बल मारा तो उनके अगल-बगल के लोगों ने उनको प्रोत्साहित किया और जून 2013 में नीतीश कुमार ने एनडीए का साथ छोड़ दिया

बहुत बड़ा था फैसला…17 वर्ष का साथ छूटा
बता दें कि नीतीश कुमार ने बहुत बड़ा निर्णय लिया था क्योंकि भाजपा और जेडीयू 17 वर्ष से साथ थे और यह गठबंधन टूटना पूरी सियासी परिदृश्य को बदलने वाला था तब एनडीए गठबंधन से अलग होने की घोषणा करते हुए नीतीश कुमार ने बोला था कि हम अपने मूल सिद्धांतों से समझौता नहीं कर सकते उन्होंने यह भी बोला था कि उन्हें गठबंधन से अलग होने के लिए विवश किया गया उनका इशारा गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा की ओर से पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किये जाने पर विरोध जताई थी, जिन्हें अब नीतीश कुमार चौथी बार पीएम पद पर देखना चाहते हैं

जेडीयू को हैसियत पता चली, फिर पीके आए
बहरहाल, नीतीश कुमार ने निर्णय ले लिया और उन्होंने एनडीए से अलग हो गए 2014 का लोकसभा का चुनाव उनकी पार्टी जेडीयू ने अकेले लड़ा इससे नीतीश कुमार की जेडीयू काफी हानि में रही और महज 2 सीट ही जीत पाई इसके बाद हार की जिम्मेदारी लेते हुए नीतीश ने मई 2014 में सीएम पद से त्याग-पत्र दे दिया इसके बाद 2015 का विधानसभा चुनाव उन्होंने लालू यादव की आरजेडी के साथ मिलकर लड़ा था इस गठबंधन के पीछे तब प्रशांत किशोर का दिमाग बोला गया था जो अब नीतीश कुमार और लालू यादव, दोनों के विरोध में राजनीति कर रहे हैं इस दौरान प्रशांत किशोर का नारा चल पड़ा था कि-बिहार में बहार है नीतीशे कुमार है

सीन में रहे अरुण जेटली, रातोंरात हो गई पाला बदली
नीतीश-लालू की जोड़ी ने प्रचंड बहुमत पाया और बिहार में गवर्नमेंट बना ली तेजस्वी यादव तब डिप्टी मुख्यमंत्री बने थे दो वर्ष बाद ही जुलाई 2017 में नीतीश कुमार का मन बदल गया और पलटबाजी करते हुए दोबारा एनडीए में आ गए लेकिन, नीतीश कुमार ने अपना मन क्यों बदला तो इसके पीछे कहानी यह है कि नीतीश कुमार लालू यादव के साथ सहज नहीं थे वहीं, तत्कालीन केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली लगातार नीतीश कुमार के टच में थे दरअसल, सीएम नीतीश कुमार की लंबे अरसे से अरुण जेटली से निकटता रही एनडीए से बाहर रहने के दिनों में भी नीतीश दिल्ली जब भी जाते तो जेटली से जरूर उनकी मुलाकात होती थी बस यही कनेक्शन काम कर गया और नीतीश कुमार के पाला बदली की कहानी रच दी गई

 

एनडीए मीटिंग में नीतीश कुमार ने किधर किया इशारा?
बिहार में रातोंरात गवर्नमेंट बदल गई और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने रहे राजनीति के जानकार कहते हैं कि नीतीश कुमार को अरुण जेटली ने मोटिवेट किया और फिर राजद से पाला छुड़ाने के लिए उनको प्रेरित किया और एनडीए में वापस ले आए सत्ता साथ की यह कहानी आगे चलती रही, लेकिन इसी बीच अरुण जेटली का देहांत हो गया एनडीए में आने के बाद 2019 का लोकसभा और 2020 का विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ मिलकर लड़ा  नीतीश कुमार एनडीए में बने रहे 2020 में एनडीए के साथ लड़े, लेकिन 2022 आते आते उनका फिर मन बदल गया उन्होंने फिर पाला बदली कर ली और राजद के साथ गवर्नमेंट बना ली

चर्चा में रहते हैं पाला बदली के सूत्रधार…
इस बार तेजस्वी यादव फिर उपमुख्यमंत्री बने हालांकि, नीतीश कुमार ने इसके सूत्रधार का जिक्र कर राज खोल दिया बता दें कि आज एनडीए की बैठक में जब वह संबोधित कर रहे थे तो उन्होंने इस राज पर से पर्दा उठा दिया कि किनके कहने पर उन्होंने पाला बदली की थी अगल-बगल कुछ नेता थे, विजेंद्र यादव, ललन सिंह, वशिष्ठ नारायण सिंह, राधा मोहन सिंह, संजय जायसवाल, दिलीप जायसवाल और संजय झा समेत कई वरिष्ठ नेता थे बिहार के राजनीति के जानकार, जो सत्ता के गलियारों में रहते हैं वह तो समझ गए होंगे लेकिन, मीडिया में जो चर्चा में रहती है उसमें नीतीश कुमार की पाला बदली के लिए ललन सिंह और विजेंद्र यादव की महती किरदार के बारे में चर्चा होती रहती है लेकिन, नीतीश ने आज भी नाम नहीं खोला पर राज तो बता ही दिया बहरहाल, उन्होंने इसी साल जनवरी में पाला बदली की और भूल सुधार कर ली

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