लखनऊ, 28 अक्टूबर .समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार में प्रदेश की पुलिस व्यवस्था को बर्बाद कर दिया है. पुलिस लोगों की सुरक्षा के बजाय हत्या कर रही है. भाजपा सरकार में कस्टोडियल मौतों के मामले में उत्तर प्रदेश हर साल नए रिकॉर्ड बना रहा है. भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के इशारे पर पुलिस निर्दोष लोगों को प्रताड़ित कर रही है. इस सरकार में पुलिस का व्यवहार शोषण और अत्याचारी बन गया है. गरीब जनता बेबस है. प्रदेश में हर दिन पुलिस की खराब छवि सामने आती है. पुलिस कहीं लूट कर रही है, कहीं प्रताड़ित कर रही है तो कहीं हत्याएं कर रही है.
सपा अध्यक्ष ने कहा कि राजधानी लखनऊ जैसी जगह में एक पखवारे में दो युवाओं की पुलिस पिटाई में मौत हो चुकी है. इस सरकार में पुलिस पूरी तरह निरंकुश हो चुकी है. भाजपा सरकार और पुलिस से जनता का भरोसा खत्म हो चुका है. जबसे प्रदेश में भाजपा सरकार आयी है तब से हर साल पुलिस हिरासत में मौते बढ़ती जा रही हैं.
उत्तर प्रदेश में 2021 में पुलिस हिरासत में 451 लोगों की मौते हुई थी. वहीं 2022 में यह आंकड़ा बढ़कर 501 हो गया. पुलिस हिरासत में मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. लखनऊ में दो सप्ताह पहले पुलिस पिटाई से विकास नगर में अमन गौतम की मौत हुई थी. शनिवार को लखनऊ पुलिस की पिटाई से चिनहट में मोहित पाण्डेय की मौत हो गयी. भाजपा सरकार और पुलिस पूरी तरह संवेदनहीनता पर उतारू है. इन्हें पीड़ितों के परिवारों का दुःख दर्द और चीख पुकार नहीं सुनाई देती है. भाजपा सरकार सत्ता के अहंकार में विवेकहीन हो चुकी है. मुख्यमंत्री जी से लेकर नीचे ते शासन-प्रशासन बदले की भावना से काम कर रहा है. इस सरकार ने प्रदेश में लोकतंत्र और संविधान खत्म कर दिया है. तानाशाही और आतंक का राज स्थापित कर दिया है. पुलिस हिरासत में मौतों और फर्जी एनकाउंटरों से पूरे प्रदेश में उत्तर प्रदेश की छवि खराब हो रही है.
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी किसी भी तरीके से लोगों की जान लेने को मानवता के खिलाफ मानती है. भाजपा सरकार पुलिस से हत्याएं करा रही है. सुल्तानपुर मामले फर्जी एनकाउंटर कराकर पहले मंगेश यादव की हत्या हुई. जब सरकार पर आरोप लगे और किरकिरी हुई तो फर्जी एनकाउंटर में एक और हत्या करा दी गयी. भाजपा सरकार में अन्याय, अत्याचार चरम पर है. जनता आने वाले समय में इस अत्याचारी शासन का अंत कर देगी.
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/ मोहित वर्मा