बिबेक देबरॉय का वो बयान जिसने मोदी सरकार को दिया सबसे बड़ा दर्द, BJP हैट्रिक लगाने से रह गई दूर!
मनीष कुमार, November 01, 2024 04:12 PM

Bibek Debroy Death: जाने-माने अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार समिति (PMEAC) के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय का शुक्रवार एक नवंबर 2024 को निधन हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें महान विद्वान बताते हुए कहा कि वे उनके निधन से दुखी है. साल 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही बिबेक देबरॉय सरकार में बड़े पदों पर रहे हैं. साथ ही उन्होंने रेलवे और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी कमिटियों की भी अध्यक्षता की है. लेकिन बिबेक देबरॉय का विवादों से भी नाता रहा है. अपने बयानों के जरिए वे कई बार मोदी सरकार को बैकफुट पर धकेल चुके हैं और सरकार को भी उनके बयानों से खुद को किनारा करना पड़ा है. 

कृषि आय पर टैक्स वसूलने के थे पक्ष में 

साल 2017 में बिबेक देबरॉय ने कृषि से होने वाले आय (Agriculture Income) पर भी इनकम टैक्स लगाने का प्रस्ताव दिया था जिससे देश में टैक्सपेयर्स की संख्या को बढ़ाया जा सके. भारत में कृषि से होने वाले आय पर इनकम टैक्स नहीं लगता है. लेकिन नीति आयोग में स्थाई सदस्य के पद पर रहते हुए बिबेक देबरॉय ने एक लिमिट से ज्यादा कृषि आय पर टैक्स वसूलने की वकालत की थी. उनके इस बयान से सरकार की बेहद किरकिरी हुई. तब तात्कालिक वित्त मंत्री अरुण जेटली को सफाई देने के लिए सामने आना पड़ा. उन्होंने कहा, कृषि से होने वाली आय पर इनकम टैक्स वसूलने का सरकार का कोई इरादा नहीं है. 

नए संविधान के पक्ष में थे बिबेक देबरॉय!

साल 2023 के अगस्त महीने में भी एक अखबार में बिबेक देबराय के एक लेख के चलते मोदी सरकार की भारी फजीहत हुई और इसका नतीजा ये हुआ कि मोदी सरकार 2024 के लोकसभा चुनाव में अपने दम पर बहुमत पाने से दूर रह गई. बिबेक देबरॉय ने अपने लेख में नए संविधान बनाए जाने पर जोर दे दिया. उनके इस लेख के चलते विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार समिति को अपने चेयरमैन के इस बयान से खुद को अलग करना पड़ा. प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार समिति को कहना पड़ा कि बिबेक देबरॉय की ये निजी राय है और समिति का इससे कोई लेना-देना नहीं है. 

विपक्ष ने कहा, संविधान खतरे में!

बिबेक देबरॉय समेत बीजेपी के कुछ नेताओं के संविधान बदलने वाले बयान को ही लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने बड़ा मुद्दा बना दिया. विपक्ष ने बीजेपी और मोदी सरकार पर संविधान बदलने का आरोप जड़ते हुए तब कहा था कि संविधान खतरे में है. लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी हाथों में संविधान की किताब लेकर चुनावी रैली को संबोधित किया करते थे. इसका नतीजा ये हुआ कि बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव में अपने दम पर बहुमत हासिल करने से बहुत से दूर रह गई.   

इनकम टैक्स में डिडक्शन और छूट के थे खिलाफ!

इनकम टैक्स छूट को लेकर बिबेक देबरॉय का एक अलग नजरिया था. उनके मुताबिक टैक्सपेयर्स को डिडक्शन और छूट का जो लाभ दिया जा रहा है उसके चलते इनकम टैक्स का सरलीकरण नहीं पा रहा है. बिबेक देबरॉय के मुताबिक, देश में आधारभूत ढांचे को तैयार करने और गुड्स-सर्विसेज उपलब्ध कराने के लिए पैसे चाहिए. डिडक्शन और टैक्स छूट के चलते टैक्स के जरिए सरकार का राजस्व नहीं बढ़ पा रहा है. उन्होंने कहा इसके चलते किसी ना किसी को तो टैक्स का भुगतान करना होगा. हालांकि विवेक देबरॉय ने अपने बयान को निजी विचार कहा था. 

एक जीएसटी रेट के थे पक्ष में 

बिबेक देबरॉय एक जीएसटी रेट (Goods And Services Tax Rates) लगाये जाने के पक्ष में थे. उका मानना था कि जीएसटी की अलग अलग रेट होने के चलते सरकार को नुकसान हो रहा है. मौजूदा समय में जीएसटी रेट्स के चार स्लैब है जिसमें 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी, 28 फीसदी  के रेट के हिसाब से जीएसटी वसूला जाता है. उन्होंने कहा आदर्श जीएसटी वहीं है जहां सिंगल जीएसटी रेट है. 

Bibek Debroy Death: बिबेक देबरॉय नहीं रहे, प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार समिति के थे अध्यक्ष, PM मोदी ने उन्हें बताया 'महान विद्वान'

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