जायसवाल ने कहा, "हमारी समझ यह है कि प्रतिबंधित लेनदेन और कंपनियां भारतीय कानूनों का उल्लंघन नहीं करती हैं. फिर भी, भारत की स्थापित अप्रसार साख को ध्यान में रखते हुए, हम सभी संबंधित भारतीय विभागों और एजेंसियों के साथ मिलकर भारतीय कंपनियों को लागू निर्यात नियंत्रण प्रावधानों के बारे में जागरूक करने के साथ-साथ लागू किए जा रहे नए पैमाने के बारे में भी इन्फॉर्म कर रहे हैं. जो कुछ परिस्थितियों में भारतीय कंपनियों को प्रभावित कर सकते हैं."
अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से 19 भारतीय कंपनियों और दो व्यक्तियों पर कार्रवाई करते हुए कई देशों की लगभग 400 संस्थाओं और व्यक्तियों की सूची में डाल दिया गया है. इन पर यूक्रेन में चल रहे युद्ध के दौरान रूस को सामग्री और प्रौद्योगिकी की सहायता करने का आरोप है. अमेरिका की यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है, जब अमेरिकी धरती पर सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नून की हत्या की साजिश में एक भारतीय नागरिक की भूमिका के आरोपों के कारण भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध पहले से ही तनाव में हैं. पिछले सप्ताह अमेरिका ने कहा कि वह तब तक पूरी तरह से संतुष्ट नहीं होगा, जब तक कि कथित साजिश में भारत की जांच के प्रति एकाउंटेबिलिटी नहीं होगी.
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