करौली न्यूज़ डेस्क, सवाईमाधोपुर-करौली जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के हिण्डौन डेयरी प्लांट में दूध का प्रसंस्करण दूर कौड़ी बनता जा रहा है। कम्प्रेशर के बाद अब बॉयलर की खामी डेयरी के संचालन में रोड़ा बन गई है। डेयरी के प्लांट में पांच माह से दूध की पैकिंग व अन्य उत्पाद बनाने का काम ठप पड़ा है। ऐसे में हिण्डौन के डेयरी प्लांट बीएमसी (बल्क मिल्क कूलर) की मानिद दुग्ध अवशीतलन केंद्र बन कर रह गया है।
दरअसल करौली रोड स्थित सरस डेयरी प्लांट मई माह में कम्प्रेशर खराब होने संचालन ठप हो गया था। करीब चार माह तक प्लांट बंद रहने के बाद डेयरी संघ के अधिकारियों ने दिल्ली से संबंधित कम्पनी के इंजीनियरों को बुलवा कर कम्प्रेशर की मरम्मत करवाई। इससे प्लांट में दूध का अवशीतलन शुरू हो गया। लेकिन कई माह तक बंद रहे से बॉयलर में तकनीकी खामी आने से दूध की पाश्चुरीकरण प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी। डेयरी सूत्रों के अनुसार विभागीय नियमानुसार वॉयलर की फिटनेस जांच और संचालन अनुज्ञा पत्र लंबित हो गया है। ऐसे में डेयरी प्लांट में बीएमसी की भांति ग्रामीण दुग्ध उत्पादक समितियों से संकलित दूध को 2-3 डिग्री सैल्सियस तक अवशीतलन कर पाश्चुरीकरण व पैकिंग के लिए सवाई माधोपुर प्लांट भेजा जा रहा है।
एक कम्प्रेशर भी खराब : डेयरी प्लांट में दूध अवशीतलन के लिए दो कम्प्रेशर लगाए हुए है। जिससे एक के खराब होने पर दूसरे से डेयरी संचालन सुचारू रखा जा सके। देखरेख के अभाव में मई माह में दोनों कम्प्रेशर के खराब होने से प्लांट ठप हो गया था। अक्टूबर माह में एक कम्प्रेशर के ठीक कराने के बाद दूसरा अभी खराब पड़ा है।