टैक्सपेयर के लिए राहत की खबर! अब हो सकेगा डेढ़ करोड़ रुपये से ज्यादा तक का ब्याज माफ, जाने डिटेल
नई दिल्ली: इनकम टैक्स भरने वालों के लिए एक राहत की खबर आई है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने टैक्स डिमांड नोटिस पर देय टैक्स पर लगने वाले ब्याज को घटाने या माफ करने के लिए टैक्स अधिकारियों को कुछ छूट देने का फैसला किया है. यह छूट कुछ विशेष शर्तों के तहत दी गई है, जिसके अनुसार टैक्स अधिकारियों को अब ब्याज की राशि कम करने या उसे पूरी तरह से माफ करने का अधिकार होगा.CBDT ने 4 नवंबर को एक सर्कुलर जारी कर इस छूट की घोषणा की, जो इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 220(2) और 119(1) के तहत लागू होगी. इसके तहत अधिकारियों को यह अधिकार दिया गया है कि वे चुकाए गए या देय ब्याज को घटा सकें या माफ कर सकें, लेकिन इसके लिए एक निश्चित मौद्रिक सीमा तय की गई है. ब्याज कितने प्रतिशत तक हो सकता था?इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 220(2) के तहत, यदि टैक्सपेयर द्वारा टैक्स डिमांड नोटिस में दर्शाए गए टैक्स का भुगतान नहीं किया जाता है, तो उसे हर महीने के लिए 1 प्रतिशत ब्याज चुकाना पड़ता है. यह ब्याज देरी के आधार पर बढ़ता जाता है. कितना ब्याज माफ हो सकता है?CBDT के सर्कुलर में बताया गया है कि अधिकारियों को किन परिस्थितियों में ब्याज माफ करने या घटाने का अधिकार मिलेगा:
- यदि देय ब्याज की राशि 1.5 करोड़ रुपये से अधिक है, तो यह निर्णय प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर रैंक के अधिकारी ले सकते हैं.
- 50 लाख से 1.5 करोड़ रुपये तक के ब्याज पर फैसला चीफ कमिश्नर रैंक के अधिकारी कर सकते हैं.
- 50 लाख रुपये तक के ब्याज को घटाने या माफ करने का अधिकार प्रिंसिपल कमिश्नर या कमिश्नर रैंक के अधिकारी को होगा.
क्या शर्तें होंगी?इस छूट का लाभ पाने के लिए कुछ शर्तें रखी गई हैं. पहले, यदि ब्याज की राशि चुकाना अत्यधिक कठिन हो, या टैक्सपेयर ने किसी अपरिहार्य कारण से ब्याज नहीं चुकाया हो, तो इसे माफ किया जा सकता है. दूसरी शर्त यह है कि यदि टैक्सपेयर ने किसी भी जांच या बकाया रकम की रिकवरी में अधिकारियों से सहयोग किया हो, तो भी ब्याज माफ किया जा सकता है.