बांका के शंभूगंज प्रखंड में देवलोक और पुरानी सूर्य मंदिर आस्था का केंद्र बना हुआ. यहां छठ मैया से सच्चे दिल से मांगने पर इच्छा पूर्ण होती है. 100 साल पूर्व सूर्य मंदिर की स्थापना की गई थी. इसके बाद से प्रतिमा स्थापित कर छठ पूजा की जा रही है. मनोक
जिले में छठ पर्व को लेकर तैयारी जोर-जोर से चल रही है. जिसको लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है. छठ घाटों की साफ-सफाई का काम करीब करीब पूरा हो चुका है. बांका के शंभूगंज प्रखंड क्षेत्र स्थित कमड्डी गांव का दो सूर्य मंदिर आस्था का केंद्र विंदु है.
कमड्डी के पूर्वी टोला में पुरानी सूर्य मंदिर में करीब 100 सालों से प्रतिमा स्थापित कर पूजा – अर्चना होती है. जबकि उसी गांव के पश्चिमी टोला के देवलोक में 1998 में मंदिर की स्थापना हुई है. इसके बाद से प्रतिमा स्थापित कर छठ पूजा हो रही है.
तीन दिन लगता मेला
पुरानी छठ पूजा समिति के व्यवस्थापक लक्ष्मण मंडल , पुजारी मुकेश मंडल सहित अन्य ने कहा कि यह मंदिर करीब सौ साल पुरानी है. छठ पूजा के संध्याकालीन अर्ध्य से तीन दिनों तक मेला लगता है. रात में भक्ति जागरण का आयोजन होता है. जबकि पश्चिम टोला के देवलोक छठ मंदिर समिति के अध्यक्ष प्रदीप कुमार ने कहा कि मंदिर की खासियत है कि जो भी भक्त सच्चे मन से दरबार में आते हैं , उसकी मुरादें पूरी होती है. यह कारण है कि लोगों का आस्था दिन रोजाना बढ़ रहा है.
देवलोक में दो दिनों तक रात्री जागरण का आयोजन होता है. दिन में शिव चर्चा होता है. प्रतिमा स्थापित करने के तीसरे दिन प्रतिमा का विसर्जन होता है. ग्रामीणों ने कहा कि गांव के दोनों टोले में भले अलग – अलग सूर्य प्रतिमा स्थापित होता है , लेकिन एक दूसरे के प्रति हमेशा योगदान की भावना रहता है. मिल जुलकर पर्व संपन्न कराते हैं.