बोकारो। बोकारो के सेक्टर 1 सी काली पूजा कमेटी ने एक अनोखे पंडाल का निर्माण किया है, जो “जैसी करनी वैसी भरनी” की थीम पर आधारित है। इस पंडाल की खूबसूरती और इसके पीछे छिपा गहरा संदेश लोगों को बहुत पसंद आ रहा है। लोग फोटो खींचने के लिए दूर-दूर से पहुंच रहे हैं। पंडाल का डिजाइन स्वर्ग और नर्क के विषय पर तैयार किया गया है, जो लोगों को उनके कर्मों के प्रति सतर्क कर रहा है।
पूजा कमेटी के संयोजक अजीत सिंह ने मीडिया को कहा कि, यह पूजा साल 1992 से आयोजित की जा रही है। हर वर्ष किसी न किसी यूनिक थीम पर पंडाल का निर्माण किया जाता है। इस साल करीब तीन लाख रुपये की लागत से 60 फीट ऊंचा और 70 फीट चौड़ा पंडाल तैयार किया गया है। यह पंडाल पूरी तरह से इको-फ्रेंडली है इसमें प्लास्टिक का एकदम भी इस्तेमाल नहीं किया गया है। इसे पुराने बोरे और मिट्टी के इस्तेमाल से इस पंडाल और मूर्तियों का निर्माण किया गया है।
इको-फ्रेंडली पंडाल का निर्माण
इस कार्य में क्षेत्रीय कारीगरों और मूर्तिकारों ने अपनी मेहनत और कला का प्रदर्शन किया है। पंडाल को “जैसी करनी वैसी भरनी” की थीम पर बनाया गया है, ताकि लोग अपने गलत कार्यों का एहसास कर सकें और धर्म के रास्ते पर चलें। इससे तैयार करने में कुल तीन लाख रुपए का खर्च आ चुका है ।इस विशाल पंडाल को बनाने में 15 दिन का समय लगा है। बारिश के कारण पूजा के बाद में दो दिन का अतिरिक्त समय लग गया | यह पंडाल 5 नवंबर तक खुला रहेगा, और 6 नवंबर को प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा।
पंडाल देखने आए बुजुर्ग श्याम बिहारी सिंह ने कहा कि इस साल का थीम उन्हें बहुत पसंद आया। उन्होंने बोला कि यह पंडाल युवाओं को धर्म के रास्ते पर चलने की सीख देता है, जो आज के दौर में बहुत महत्वपूर्ण है। पंडाल में स्वर्ग और नर्क का अद्भुत दृश्य है, जो दर्शकों को उनकी करनी का असर समझाने का कोशिश करता है।