न्यूट्रॉन तारे के आपस में टकराने से होता है 'मिनी' बिग बैंग जैसा धमाका! ब्रह्मांडीय पहेली से कम नहीं ये तारा
Neutron Stars: ब्रह्मांड में कुछ ऐसी चीजें भी मौजूद हैं, जो किसी पहेली से कम नहीं। इनमें से एक तो ब्लैकहोल है जिसके बारे में अक्सर चर्चा होती है, लेकिन आज ब्लैकहोल की नहीं, बल्कि दूसरी ब्रह्मांडीय पहेली यानी न्यूट्रॉन तारे पर चर्चा करेंगे। दुनियाभर के खगोलविदों ने अगस्त 2017 में किलोनोवा नामक एक खगोलीय घटना को टेलीस्कोप की मदद से कैप्चर किया था। दरअसल, यह एक बेहद तीव्र विस्फोट होता है, जो दो न्यूट्रॉन तारे के आपस में टकराने से होता है।
साइंस अलर्ट की स्टोरी के मुताबिक, उस समय AT2017gfo नामक किलोनोवा विस्फोट ने खगोलविदों को अध्ययन करने के लिए पर्याप्त डेटा मुहैया कराया था। कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी के नील्स बोहर संस्थान के खगोलविद अल्बर्ट स्नेपेन के नेतृत्व वाली शोधकर्ताओं की टीम का कहना है कि यह बिग बैंग की तरह विकसित होने वाली घटना है जिसमें कणों का एक गर्म सूप बना, जो ठंडा होकर पदार्थ में तब्दील हो गया।
विस्फोट की पूरी दास्तां का पता लगाना मुश्किल
बकौल खगोलविद स्नेपेन, हर घंटे नाटकीय ढंग से विकसित होने वाले इस खगोलीय विस्फोट की पूरी दास्तां कोई भी टेलीस्कोप नहीं सुना सकता है। पृथ्वी के घूमने की वजह से अलग-अलग टेलीस्कोपों के देखने का कोण खगोलीय घटना को देखने में बाधा उत्पन्न करता है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और हबल स्पेस टेलीस्कोप से प्राप्त डेटा को मिलाकर इसके विस्तार को विस्तार से देख सकते हैं।
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बकौल रिपोर्ट, AT2017gfo के अध्ययन से एक दिलचस्प बात पता चली कि इससे भारी तत्वों का निर्माण हुआ है। बता दें कि बहुत सारे तत्व तारों के भीतर बनते हैं, जहां कोर फ्यूजन प्रक्रियाएं परमाणुओं को आपस में टकराकर भारी तत्व का निर्माण करती है, लेकिन इसकी भी अपनी एक सीमा होती है।
भारी तत्वों को बनाने के लिए सुपरनोवा विस्फोट जैसी ऊर्जावान घटनाओं की जरूरत होती है। AT2017gfo ने दिखाया कि न्यूट्रॉन तारे किलोनोवा भी भारी तत्व के निर्माण में सहायक हैं। शोधकर्ताओं की टीम ने इस विश्लेषण को और सटीक ढंग से समझने की कोशिश की और कई डेटासेट का बारीकी से अध्ययन किया जिसकी बदौलत वह किलोनोवा के घंटे-दर-घंटे हो रहे विकास और उसके भीतर भारी तत्वों के निर्माण का निरीक्षण करने में सक्षम हो पाए।
बिग बैंग जैसा विस्फोट
आप लोग यह तो जानते हैं कि ब्रह्मांड की उत्पत्ति बिग बैंग से हुई है जिसके बाद से लगातार ब्रह्मांड का चौतरफा विस्तार हो रहा है। न्यूट्रॉन तारे को लेकर भी कुछ ऐसा ही कहा गया। बकौल रिपोर्ट, जब दो न्यूट्रॉन तारे आपस में टकराते हैं तो विस्फोटित न्यूट्रॉन तारे के अंदरूनी हिस्से का प्रारंभिक किलोनोवा अरबों डिग्री तक गर्म होता है, जो बिग बैंग की गर्मी के समान है। ऐसे में इस गर्म वातावरण में इलेक्ट्रॉन जैसे मूल कण स्वतंत्र रूप से बिना किसी बंधन के इधर-उधर घूम सकते हैं। जैसे-जैसे किलोनोवा फैलता है और ठंडा होता है, कण एक-दूसरे को आपस में जकड़ लेते हैं और परमाणु बन जाते हैं।
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एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स में प्रकाशित शोध के मुताबिक, शोधकर्ताओं का कहना है कि यह ब्रह्मांड के इतिहास में शुरुआती दौर के समान है जिसे पुनर्संयोजन के युग के रूप में जाना जाता है। बिग बैंग के लगभग 3.8 लाख साल बाद ब्रह्मांड इतना ठंडा हो गया कि आदिम प्लाज्मा सूप में मौजूद कण आपस में मिलकर परमाणु बन गए।
बकौल रिपोर्ट, न्यूट्रॉन तारे किलोनोवा में देखी गई संयोजन प्रक्रिया संभवत: पुनर्संयोजन युग के दौरान घटित हुई प्रक्रिया के समान है जिससे पता चलता है कि किलोनोवा प्रारंभिक ब्रह्मांड के विकास का अध्ययन करने के लिए मददगार हो सकता है।