पिछले कुछ सालों में हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड और दिल्ली के आसपास के इलाकों में बड़े पैमाने पर पराली जलाई जाती है, जिसका नुकसान दिल्ली और एनसीआर के लोगों को उठाना पड़ रहा. दिल्ली में स्मॉग चैंबर बनने की वजह के पीछे पराली जलाने को भी माना जा रहा था. यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ते प्रदूषण को लेकर केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि इसकी रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाए जाएं.
भारत सरकार ने गत वर्ष पराली जलाए जाने की रोकथाम के लिए जुर्माना निर्धारित किया था, जिसे इस बार इस बार बढ़कर 2 गुना कर दिया गया. भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने आज गजट नोटिफिकेशन जारी करते हुए जानकारी दी.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम, 2021 (2021 का 29) की धारा 25 की उपधारा (2) के खंड (एच) की ओर से प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (पराली जलाने के लिए पर्यावरण मुआवजे का अधिरोपण, संग्रह और उपयोग) नियम, 2023 में संशोधन करने के लिए नियम बनाती है.
इन नियमों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (पराली जलाने के लिए पर्यावरण मुआवजे का अधिरोपण, संग्रह और उपयोग) संशोधन नियम, 2024 कहा जा सकता है. (2) ये आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे.