किसी भी बीमारी का पता लगाने के लिए शुरुआती जांच रेडियोग्राफी ही होती है. इसके जरिए इलाज कि शुरुआत किस तरीके से करनी है इसकी प्लानिंग की जाती है. रेडियोग्राफी के जरिए यह भी पता लगया जाता है कि बीमारी गंभीर है या नहीं . इमेजिंग तकनीक जोखिम भरे ओपन सर्जरी इलाज की जरूरत है या नहीं इसमें भी यह मदद करता है. रेडियोलॉजिस्ट मरीज के इलाज में अगला फैसला क्या करना है इसी के आधार पर करते हैं. जैसे कि बायोप्सी करना है या कोई दवा लिखनी है.
रेडियोलॉजी का सबसे महत्वपूर्ण काम यह है कि बीमारी कितनी गंभीर है इसका पता लगाना है, जिसमें रोग का पता लगाने, स्टेजिंग और उपचार के लिए उपकरणों और तकनीकों का विस्तृत विकल्प उपलब्ध है. डायग्नोस्टिक इमेजिंग संरचनात्मक या रोग संबंधी परिवर्तनों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करती है. प्रारंभिक निदान से जान बचती है.
इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट अक्सर कैंसर या ट्यूमर, धमनियों और नसों में रुकावट, गर्भाशय में फाइब्रॉएड, पीठ दर्द, यकृत की समस्याओं और गुर्दे की समस्याओं के इलाज में शामिल होते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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