नैनीताल – विश्वप्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट बीते 3 नवंबर को विधि विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। इस वर्ष भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु महादेव के दर्शन के लिए केदारनाथ धाम पहुंचे। केदारनाथ के लिए लोगों की आस्था लगातार बढ़ती जा रही है। वहीं दूसरी तरफ केदारनाथ की शांत और सुन्दर वादियां भी लोगों द्वारा लाए जाने वाले प्लास्टिक और कूड़ा करकट से दूषित हो रही है। वहीं केदारनाथ को प्लास्टिक मुक्त करने का जिम्मा नैनीताल के प्रकृति प्रेमी और युवा ट्रैकर सत्यम भट्ट ने उठाया है। सत्यम ने अपने ग्रुप के साथ चार दिन केदारनाथ में अभियान चलाकर केदारनाथ के 22 किमी। ट्रैकिंग रूट समेत मंदिर के आस पास प्लास्टिक मुक्त सफाई अभियान चलाया है।
लोकल 18 से खास वार्ता के दौरान सत्यम ने कहा कि उन्होंने अपने ग्रुप द एक्सप्लोरर टू बी अ गुड ट्रैवलर THE EXPLORER (be a good traveller) द्वारा विभिन्न सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थाओं के योगदान से केदारनाथ तथा आसपास के 25 किलोमीटर रूट के ट्रैक को प्लास्टिक कचरे से मुक्त करने के लिए चार दिवसीय स्वच्छता अभियान चलाया। जिसमें उनकी टीम के 20 सदस्य शामिल थे। इस अभियान में उनकी टीम के द्वारा केदारनाथ मंदिर परिसर और केदारनाथ पैदल मार्ग की सफाई की गई। जिसमें नगर पंचायत और जिला पंचायत के सदस्यों द्वारा योगदान दिया गया।
सत्यम ने कहा कि उनकी टीम के सदस्यों द्वारा केदारनाथ से लगभग 30 टन कूड़ा निकाला गया। जिसे नगरपालिका की सहायता से केदारनाथ से नीचे लाया गया और कूड़े का निस्तारण किया गया। उन्होंने कहा कि हिमालयी इलाकों में लोग घूमने जाते हैं तो अपने साथ प्लास्टिक का समान नहीं ले जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक प्लास्टिक की बोतल कूड़े से निकली। केदारनाथ ट्रैक में स्थान स्थान पर पानी के साधन हैं। पानी की बोतल खरीदने से बेहतर है कि लोग अपने साथ घर से बोतल लेकर जाएं और उसे रस्ते में स्रोतों से भरते रहें। इससे प्लास्टिक की बोतलों के इस्तेमाल में भी कमी आएगी।