देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में राजनीति में रूचि रखने वाले युवाओं के लिए आवाज द देवभूमि ट्रस्ट युवा संसद का आयोजन करने जा रहा है। इसमें राजनीति से जुड़े कद्दावर युवाओं को संसद, विधानसभा और यूएन के पहलुओं पर चर्चा करेंगे। इसमें विद्यार्थियों को संसदीय प्रक्रिया और कामकाज का अनुभव मिलेगा।
लोकतांत्रिक परंपराओं से ये विद्यार्थी रूबरू हो पाएंगे।आवाज़ द देवभूमि ट्रस्ट के संस्थापक एडवोकेट वंश माहेश्वरी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बोला है कि देहरादून की माया देवी यूनिवर्सिटी में युवा संसद का आयोजन किया जा रहा है। 9 और 10 नवंबर को ‘नेशनल मॉडल यूनाइटेड नेशन एंड यूथ पार्लियामेंट के अनुसार युवाओं को नए मुद्दों से रूबरू करवाया जाएगा। उन्होंने बोला कि युवा संसद एक ऐसा कार्यक्रम होगा, जिसमें युवाओं को संसदीय प्रक्रिया और लोकतांत्रिक परंपराओं के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसमें युवाओं को नकली संसद की प्रबंध करके संसदीय कार्यवाही का अनुभव करवाया जाएगा। युवा संसद के ज़रिए युवाओं को राष्ट्रीय मुद्दों औऱ राज्य के अहम मुद्दों जैसे भू कानून और पलायन पर चर्चा करने का मौका दिया जाएगा और युवा संसद की तरह ही अपनी राय रख सकेंगे। उन्होंने बोला कि युवा संसद का उद्देश्य यह है कि वर्तमान में जो संसद और राजनीति के एजेंडा हैं उनसे युवा रूबरू हो सके और संसद में होने वाली बहस को प्रत्यक्ष रूप से महसूस कर सके। सियासी पहलुओं पर डिस्कशन और डिबेट स्किल उनके अंदर पैदा हो सके। उन्होंने कहा कि हम कार्यक्रम 9 नवंबर से इसलिए प्रारम्भ कर रहे हैं क्योंकि इस दिन राज्य अपना 25वां स्थापना साल मनाएगा लेकिन अब तक भू कानून नहीं बन पाया है जिसके चलते लोग सड़कों पर अपनी मांगों को लेकर उतरते हैं। इसी के साथ ही इसमें उत्तराखंड के घोस्ट विलेज और पलायन पर भी चर्चा की जाएगी जो एक बहुत बड़ी परेशानी है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ इंटरनेशनल प्रेस पर भी चर्चा होगी।
10 राज्यों के युवा और बच्चे होंगे शामिल
वंश माहेश्वरी ने कहा कि राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित होने वाली दो दिवसीय युवा संसद में उत्तराखंड ही नहीं बल्कि 10 राज्यों के विद्यालय और कॉलेज के छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। साढ़े छः सौ से अधिक युवा इसमें प्रतिभाग करने वाले हैं। अधिक जानकारी के लिए आप 9368080321पर सम्पर्क कर सकते हैं। वंश माहेश्वरी ने कहा कि राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित होने वाली दो दिवसीय युवा संसद में उत्तराखंड ही नहीं बल्कि 10 राज्यों के विद्यालय और कॉलेज के छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। साढ़े छः सौ से अधिक युवा इसमें प्रतिभाग करने वाले हैं।