राज्य छोड़ कर पैसा कमाने मलेशिया गए झारखंड के 41 मजदूर अब वहां फंस गए हैं. ये मजदूर राज्य के तीन जिले हजारीबाग, बोकारो और गिरिडीह के रहने वाले हैं. श्रमिकों ने एक वीडियो जारी कर सहायता की गुहार लगाई है.
मजदूरों की ओर से भेजे गए वीडियो में कहा जा रहा है कि सभी बीते ढ़ाई महीने से मलेशिया में फंसे हुए हैं. वे सभी पहले डेढ़ महीने तक कंपनी के भीतर बैठे रहे. अब सभी बीते एक महीने से दूतावास में बैठे हैं.
मजदूरों ने कहा कि दूतावास में उन्हें बोला गया कि सभी को सैलेरी दिला कर हिंदुस्तान वापस भेजा जाएगा, पर अब तक संज्ञान नहीं लिया गया है. मजदूर जिस कंपनी में काम करने गए वहां तीन महीने से सैलरी नहीं दी गई है.
पहले भी भेज चुके हैं वीडियो
मजदूरों का बोलना है कि हमने राज्य गवर्नमेंट और हिंदुस्तान गवर्नमेंट से सहायता की पहले भी गुहार लगा चुके हैं. वे पहले भी वीडियो बना कर भेजे हैं पर न तो राज्य गवर्नमेंट ने संज्ञान लिया और न ही हिंदुस्तान गवर्नमेंट ने.
मलेशिया में फंसे श्रमिकों को गवर्नमेंट से आशा है कि उन्हें वतन वापसी जल्द से जल्द कराई जाएगी. बीते तीन महीने में पैसे नहीं रहने से उन्हें कठिनाई हो रही है. इधर परिजन भी परेशान हो रहे हैं. श्रमिकों के परिजनों ने कहा कि एक वर्ष से अधिक समय से सभी वहां काम कर रहे हैं. आरंभ में सभी को सैलेरी तो मिली अब नहीं दिया जा रहा है.
सउदी और मिडिल ईस्ट में भी फंसे थे मजदूर
मलेशिया से पहले इन्हीं जिलों के 27 मजदूर मीडिल ईस्ट में फंस गए थे. उन्हें काफी कठिनाई के बाद वापस लाया जा सका था. गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो जिले के मजदूर एलएंडटी और विनायका कंस्ट्रक्शन कंपनी के लिए काम करने गए थे.
इसी तरह सितंबर महीने में 45 मजदूर सउदी अरब में फंस गए थे. ये 45 मजदूर भी बोकारो, हजारीबाग और गिरिडीह के रहने वाले थे. 45 मजदूर कॉमर्शियल टेक्नोलॉजी प्लस कंपनी के ट्रांसमिशन लाइन में काम करने के लिए क्षेत्रीय ठेकेदार के माध्यम से सऊदी अरब गए थे.