क्या है Hyper Pigmentation? जो Skin को करता है डैमेज, जानें इसके कारण और बचाव के उपाय
GH News November 08, 2024 11:09 PM
पिगमेंटेशन की समस्या चेहरे के किसी एक हिस्से पर हो सकती है और पूरे चेहरे पर फैल सकती है. इससे स्किन डैमेज होने का खतरा बढ़ सकता है.
Symptoms of Hyper Pigmentation: हाइपरपिगमेंटेशन एक आम त्वचा की समस्या है जिसमें त्वचा के कुछ हिस्सों में मेलेनिन का ज्यादा प्रोडक्शन होता है. मेलेनिन एक नेचुरल पिगमेंट है जो त्वचा को उसका रंग देता है. हाइपरपिगमेंटेशन के कारण त्वचा पर काले धब्बे या पैच बन जाते हैं, जो चेहरे, हाथों, पैरों या शरीर के अन्य हिस्सों पर दिखाई दे सकते हैं. ऐसे में इसके प्रकार और कारण जानना बेहद जरूरी है. साथ ही इसे रोकने के लिए कुछ उपायों को अपनाना फायदेमंद साबित हो सकता है.
हाइपरपिगमेंटेशन के प्रकार
- मेलास्मा हाइपरपिगमेंटेशन का सबसे आम प्रकार है, जो अक्सर महिलाओं में प्रेग्नेंसी या हार्मोनल परिवर्तनों के दौरान होता है.
- सन स्पॉट्स छोटे, भूरे या काले धब्बे होते हैं जो सूरज के अत्यधिक संपर्क में आने से होते हैं.
- पोस्ट-इंफ्लेमेटरी हाइपरपिगमेंटेशन मुंहासे, एक्जिमा या चोटों जैसी त्वचा की चोटों के बाद हो सकता है.
- कुछ दवाएं हाइपरपिगमेंटेशन का कारण बन सकती हैं, जैसे कि कुछ एंटीबायोटिक्स और बर्थ कंट्रोल पिल्स.
हाइपरपिगमेंटेशन के कारण
- सूरज की पराबैंगनी (UV) किरणें मेलेनिन के प्रोडक्शन बढ़ा सकती हैं, जिससे हाइपरपिगमेंटेशन हो सकता है.
- हार्मोनल परिवर्तन, प्रेग्नेंसी, मेनोपॉज और कुछ चिकित्सा स्थितियां हार्मोन के स्तर में बदलाव ला सकती हैं, जो हाइपरपिगमेंटेशन का कारण बन सकती हैं.
- मुंहासे, एक्जिमा या चोटें त्वचा में सूजन पैदा कर सकती हैं, जिससे हाइपरपिगमेंटेशन हो सकता है.
- कुछ दवाएं, जैसे कि कुछ एंटीबायोटिक्स और बर्थ कंट्रोल पिल्स, हाइपरपिगमेंटेशन का दुष्प्रभाव हो सकती हैं.
- जेनेटिक डिसऑर्डर इसका खतरा बढ़ा सकती है.
हाइपरपिगमेंटेशन को रोकने के लिए
- सनस्क्रीन का उपयोग कर सकते है.
- तेज धूप से बचें, खासकर सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच.
- टोपी और धूप का चश्मा पहनें. जब आप बाहर हों तो चौड़े किनारे वाली टोपी और धूप का चश्मा पहनें.
- त्वचा को हल्का करने वाली क्रीमों का उपयोग करके हाइपरपिगमेंटेशन को रोकने या कम करने में मदद मिल सकती है.
नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है. इसे केवल सुझाव के तौर पर लें. इस तरह की किसी भी जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.