इस मुसीबत में फंसे कुख्यात सुंदर भाटी को सजा सुनाने वाले जज
Krati Kashyap November 11, 2024 11:27 AM

नोएडाः कुख्यात सुंदर भाटी गैंग को उम्रकैट की सजा सुनाने वाले न्यायधीश की जान उस समय मुश्किलों में फंस गई, जब यूपी के अलीगढ़ में हाईवे पर लुटेरों ने उन्हें घेर लिया फर्रुखाबाद में विशेष न्यायाधीश (ईसी एक्ट) अनिल कुमार कार से नोएडा जा रहे थे, तभी एक बोलेरो में सवार पांच लोग उनका पीछा करने लगे और यही नहीं उनकी गाड़ी को ओवरटेक करके बोलेर आगे लगा दी और उन्हें रोकने की प्रयास करने लगे

sunder bhati 67 4

जज ने दर्ज कराई FIR
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार न्यायधीश बचकर निकले तो कई बार असलहा दिखाकर उन्हें रोकने की प्रयास की और धमकी भी दी इस बीच न्यायधीश ने अपनी कार सोफा पुलिस चौकी में घुसा दी और इसके बाद लुटेरे फरार हो गए उन्होंने घटना की षड्यंत्र में सुंदर भाटी रैकेट के शामिल होने का संदेह जताया है उन्होंने एफआईआर दर्ज कराई है और पुलिस मुद्दे की तफ्तीश में जुटी हुई है

पुलिस सुंदर भाटी के कनेक्शन का लगा रही है पता
बता दें कि न्यायधीश अनिल कुमार का पीछा किए जाने की घटना से 6 दिन पहले ही कुख्यात सुंदर भाटी सोनभद्र कारावास से रिहा हुआ है फिलहाल पुलिस मुद्दे की जांच कर रही है यह भी जानकारी जुटाई जा रही है कि घटना वाले दिन सुंदर भाटी कहां था अलीगढ़ में सुंदर भाटी के नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है पुलिस को अभी तक अलीगढ़ में सुंदर भाटी के विरुद्ध कोई आपराधिक इतिहास नहीं मिला है घटना को लेकर अनिल कुमार ने साफ रूप से बोला कि पांच अज्ञात व्यक्तियों ने मुझे आतंकित किया और मारने के इरादे से हमले की प्रयास की

जज ने अपनी कार को पुलिस चौकी में ले गए
उन्होंने जब कार सोफा पुलिस चौकी के सामने रोकी तो लुटेरे अपनी कार मोड़कर फरार हो गए उन्होंने बोला है कि सुंदर भाटी और उसके रैकेट के विरुद्ध एक भी गुनाह साबित आजतक साबित नहीं हुए थे उन्होंने ही पहली बार वर्ष 2021 में सुंदर भाटी और रैकेट के सदस्यों को जीवन भर जेल की सजा सुनाई, हो सकता है कि सजा का बदला लेने के लिए ही हमले की षड्यंत्र रची गई हो

जेल से रिहा हो चुका है सुंदर भाटी
बता दें कि सुंदर भाटी ग्रेटर नोएडा के घघौला गांव का रहने वाला है उसके और पूर्व जिला पंचायत नरेश भाटी रैकेट के बीच गैंगवार पश्चिमी यूपी में सुर्खियों में रही है 60 से अधिक मुद्दे उसपर दर्ज हैं न्यायधीश ने समाजवादी पार्टी नेता हरेंद्र नागर और उनके गनर की मर्डर मुद्दे में उसे जीवन भर जेल की सजा सुनाई गई थी उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद वह 23 अक्टूबर को सोनभद्र कारावास से रिहा हुआ था और ठीक इसके 6 दिन बाद 29 अक्टूबर को न्यायाधीश का पीछा किए जाने की घटना हुई

© Copyright @2024 LIDEA. All Rights Reserved.