धमतरी, 12 नवंबर . शहर से लेकर ग्रामीण अंचल तक छोटी दिवाली देवउठनी एकादशी का उल्लास छाया रहा. विधि-विधान से गन्ने का मंडप सजाकर पूजा-अर्चना की गई. बच्चों ने खूब पटाखे फोड़े.
देवउठनी एकादशी पर घर -घर में दीये जलाए गए. पश्चात तुलसी के पौधे के सामने गन्ना से मंडप सजाकर विधि विधान से पूजा अर्चना की गई. हल्दी, कुमकुम, अक्षत, पीले वस्त्र व पुष्प के साथ तुलसी विवाह की रस्म निभाई गई. भगवान को भोग लगाया गया. पूजा अर्चना के बाद व्रतधारियों ने अपना व्रत तोड़ा. बच्चों व युवाओं ने खूब पटाखे फोड़े.
देवउठनी पर्व के चलते शहर में जमकर खरीदी-बिक्री हुई. मंगलवार 12 नवंबर को शहर के मुख्य मार्ग बाजार में रेलम पेल रही. सिहावा चौक, प्रशांत टाकीज के पास, मकई चौक, शनि मंदिर, रत्नाबांधा चौक, अंबेडकर चौक सहित कई स्थानों पर देर शाम तक गन्ने की बिक्री हुई. भीड़ की वजह से ट्रैफिक पुलिस को यातायात दुरुस्त करने काफी परेशानी हुई. शाम को घर घर में विधि-विधान से तुलसी पूजा हुई घर आंगन में दीप जलाए गए. बच्चों और युवाओं ने खूब आतिशबाजी की. तुलसी विवाह में गन्ना से मंडप बनाने की पौराणिक मान्यता के चलते इस दिन घर घर में बनने से गन्ना से मंडप सजाया जाता है. शहर के प्रमुख चौक चौराहों के अलावा मुख्य बाजार में देर शाम तक गन्नों की बिक्री होती रही. बड़ी तादाद में इस बार गन्ना बिकने पहुंचा. दूरदराज से गन्ना बेचने पहुंचे विक्रेताओं ने देर शाम तक ग्राहकी की. सुबह के समय प्रति की जोड़ी गन्ना 70 रुपये में बिक रहा था, वहीं शाम को इसकी कीमत 30 से 40 रुपये जोड़ी हो गई.
ग्राम सिवनीकला फिंगेश्वर से गन्ना बेचने आए मनोज राम साहू, जय कुमार ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस बार गन्ने की फसल प्रभावित हुई है, इस कारण कम आवक हुई है. आंवला, सिंघाड़ा, शकरकंद, कसही फल, फूल के अलावा अन्य पूजन सामग्री बेंच रही कौशल्या, सोहागा बाई ने बताया कि दिवाली सहित पर्व विशेष में फल फूल की बिक्री होती है. तुलसी विवाह में इन सामग्रियों का विशेष महत्व है. आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास समय कम है, इसलिए लोग आसपास से सामान इकट्ठा करने की बजाय सीधे बाजार से ही खरीदी करते हैं. दिवाली में कमल फूल की खूब बिक्री हुई थी.
/ रोशन सिन्हा