यूपी शासन द्वारा छात्रवृत्ति योजना में इस साल कई अहम परिवर्तन किए गए हैं, जिससे विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त प्रक्रिया से गुजरना होगा। विद्यार्थियों और संबंधित विद्यालय प्रशासन को इस नयी प्रबंध का पालन करना जरूरी होगा, ताकि विद्यार्थियों को उनकी छात्रवृत्ति समय पर और बिना किसी मुश्किल के मिल सके। इस बार छात्रवृत्ति प्रक्रिया में तीन स्तरीय बायोमेट्रिक सत्यापन प्रणाली लागू की गई है, जिससे सभी स्तरों पर जानकारी का ठीक और कारगर सत्यापन हो सके।
जिला समाज कल्याण अधिकारी सुनील कुमार ने कहा कि शासन द्वारा किए गए इन परिवर्तनों का उद्देश्य छात्रवृत्ति प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाना है। इसके भीतर सबसे पहले विद्यालय के प्रिंसिपल और नोडल अधिकारी को जिला समाज कल्याण विभाग में जाकर अपनी बायोमेट्रिक प्रक्रिया को पूरा करना होगा। इसके बाद ही वे विद्यार्थियों के फॉर्म को छात्रवृत्ति के लिए आगे बढ़ा सकेंगे। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक विद्यार्थी को भी विद्यालय में जाकर अपने फॉर्म के बायोमेट्रिक सत्यापन को पूरा करना जरूरी है। यदि विद्यार्थी ऐसा नहीं करते हैं, तो उनका आवेदन अधूरा माना जाएगा और उन्हें छात्रवृत्ति मिलने में कठिनाई हो सकती है।
स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीन अनिवार्य
इस नयी प्रबंध के अनुसार विद्यालयों में बायोमेट्रिक मशीनों की प्रबंध जरूरी कर दी गई है, ताकि विद्यार्थियों को बायोमेट्रिक प्रक्रिया को पूरा करने में सरलता हो। जिला समाज कल्याण विभाग भी रोजाना विद्यालय प्रिंसिपलों और नोडल ऑफिसरों द्वारा प्रक्रिया पूरी कराई जा रही है। सुनील कुमार ने कहा कि अब तक लगभग दो तिहाई विद्यालयों के प्रिंसिपल और नोडल अधिकारी इस प्रक्रिया को पूरा कर चुके हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि सिर्फ़ औनलाइन फॉर्म भरकर न रुकें, बल्कि अपने विद्यालय जाकर छात्रवृत्ति से संबंधित बायोमेट्रिक प्रक्रिया को भी अवश्य पूरा करें, ताकि छात्रवृत्ति मिलने में कोई बाधा न आए।