तमिलनाडु पुलिस पर भड़का हाईकोर्ट, जानें कारण
Krati Kashyap November 14, 2024 01:27 PM

Bharat Mata Statue Controversy: मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु पुलिस को फटकार लगाई है. मुद्दा बीजेपी (भाजपा) कार्यालय से ‘भारत माता’ का अगुवाई करने वाली मूर्ति को हटाने का है. उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु पुलिस को कड़ी फटकार लगाई और प्रदेश गवर्नमेंट को मूर्ति को बीजेपी को वापस करने का आदेश दिया. उच्च न्यायालय ने बोला कि निजी जगह पर मामलों को नियंत्रित करना राज्य का काम नहीं है. हिंदुस्तान माता की मूर्ति हटाना उनका अपमान करने जैसा है. यह मुद्दा निजी संपत्ति पर भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार की सीमाओं से संबंधित एक दिलचस्प मामला उठाता है. राज्य गवर्नमेंट आदेश का पालन करे और पुलिस अपनी सीमाओं में रहकर ही जनसेवा और जनरक्षा करे.

कोर्ट जागरण14

भविष्य में ऐसा नहीं करने की नसीहत

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ के न्यायमूर्ति आनंद वेंकटेश ने निर्णय सुनाया. उन्होंने बोला कि मेरे मन में इस बात को लेकर कोई शक नहीं है कि हिंदुस्तान माता की मूर्ति को एक निजी संपत्ति से जबरन हटा दिया है, शायद कहीं और से दबाव के कारण, लेकिन यह कृत्य अत्यंत निंदनीय है और भविष्य में ऐसा कभी नहीं दोहराया जाना चाहिए. हम एक कल्याणकारी राज्य में रह रहे हैं, जो कानून के द्वारा शासित है. इसलिए, हिंदुस्तान के संविधान के अनुच्छेद 226 के अनुसार अपने अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करने वाले कानूनी कोर्ट द्वारा इस तरह की मनमानी को कभी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. इससे कहीं न कही हिंदुस्तान माता की अस्मिता को भी ठेस पहुंची है, इसलिए सरकार-पुलिस सावधान रहे.

भाजपा के तमिलनाडु गवर्नमेंट पर आरोप

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीजेपी कार्यालय के लिए विरुधुनगर जिले में 2016 में एक प्रॉपर्टी खरीदी गई थी, जिसके अंदर हाथ में झंडा लिए हिंदुस्तान माता की एक मूर्ति भी स्थापित की गई थी. राज्य ने तर्क दिया था कि उन्होंने याचिकाकर्ता (भाजपा) को वर्ष 2022 में हाई कोर्ट के आदेश के दिशा-निर्देशों के आधार पर नोटिस जारी किया था कि किसी भी नेता की कोई नयी मूर्ति स्थापित नहीं की जानी चाहिए और जिन मूर्तियों से अशांति पैदा होने की आसार है, उन्हें अन्य स्थानों पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए. वैसे बीजेपी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, इसलिए समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए मूर्ति को हटा दिया गया और इसे राजस्व विभाग के कार्यालय में सुरक्षित रखा गया है.

© Copyright @2024 LIDEA. All Rights Reserved.