प्रमंडलीय आयुक्त कोसी प्रमंडल के निर्देश के बाद सुपौल में सिविल सर्जन के आदेशानुसार स्वास्थ्य विभाग का एक बार फिर कठोरता के प्रति तेवर तल्ख दिख रहा है. सुपौल जिले में गैरकानूनी रूप से संचालित नर्सिंग होम, पैथोलॉजी, अल्ट्रासाउंड, जांच घर को बंद करने का निर्
सिविल सर्जन ने जिले के सभी सरकारी हॉस्पिटल के प्रभारी को संबंधित क्षेत्र में जांच कर गैरकानूनी रूप से संचालित गैरकानूनी नर्सिंग होम, जांच घर, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन आदि की जांच कर सामुचित कार्रवाई करने का निर्देश जारी किया है. इसी कड़ी में राघोपुर रेफरल हॉस्पिटल प्रशासन के द्वारा शहर में माइकिंग के जरिये प्रचार-प्रसार कर बाजार में लोगों को इस निर्देश से अवगत कराया गया है. जिसमें बोला गया है कि गैरकानूनी रूप से संचालित नर्सिंग होम, पैथोलॉजी अल्ट्रासाउंड आदि के कारण लोग उत्पीड़न के शिकार हो रहे हैं. जिसको लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग प्रशासन के निर्देश के आलोक में रेफरल हॉस्पिटल राघोपुर प्रशासन के द्वारा प्रचार-प्रसार कर कर आखिरी चेतावनी दी जा रही है. बोला गया कि राघोपुर प्रखंड क्षेत्र में जो भी नर्सिंग होम, पैथोलॉजी, एक्स-रे, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड आदि गैरकानूनी रूप से चल रहा है. वह स्वयं ही बंद कर लें.
साथ ही यह भी बोला गया कि जो भी मकान मालिक के मकान में गैरकानूनी नर्सिंग होम, पैथोलॉजी एक्स-रे सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड आदि जांच के दौरान संचालित पाया जाएगा तो उक्त मकान को सील कर दिया जाएगा. मकान मालिक के खिलाफ भी विभागीय स्तर से कार्रवाई की प्रकिया की जाएगी. इसे लेकर जिले में गैरकानूनी रूप से संचालित क्लिनिक और जांच घरों से जुड़े माफियाओं में खलबली मच गया है.
बताया जा रहा है कि इससे पहले भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस संबंध में पहल और कार्रवाई की प्रक्रिया की गई, वाबजूद इसका धरातल पर असर नहीं दिख रहा है. आए दिन जगह-जगह गैरकानूनी ढंग से नए-नए स्वास्थ्य जांच संस्थान खुल रहे हैं. जहां आमलोग रोजाना उत्पीड़न के शिकार हो रहे हैं. इधर, प्रमंडलीय आयुक्त के निर्देश के बाद लोगों में आशा जगी है कि इस बार स्वास्थ्य विभाग एक्शन के मूड में हैं.