WPI inflation: अक्टूबर में थोक मुद्रास्फीति में बढ़त दर्ज की गई है और ये 2.36 फीसदी पर आ गई है. सितंबर में भी थोक महंगाई दर में बढ़त देखी गई थी और ये बढ़कर 1.84 फीसदी पर आ गई थी. थोक महंगाई की ये दर वित्तीय जानकारों के अनुमान से ज्यादा है और उन्हें अक्टूबर में थोक महंगाई दर 2.20 फीसदी के रहने का अनुमान था.
खाद्य महंगाई दर में खासा इजाफा देखा जा रहा है और ये अक्टूबर में 11.59 फीसदी पर आ गई है जबकि सितंबर में ये 9.47 फीसदी पर रही थी. प्राइमरी आर्टिकल्स की महंगाई दर अक्टूबर के महीने में 8.09 फीसदी पर आ गई है और मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की महंगाई दर में 1.50 फीसदी का आंकड़ा आया है.
फूड आइटम्स की थोक महंगाई दर 3.37 फीसदी पर आ गई है और क्रूड पेट्रोलियम एंड नैचुरल गैस की महंगाई दर 0.41 फीसदी पर आ गई है. मिनरल्स की थोक महंगाई दर -1.67 फीसदी पर आ गई है और नॉन फूड आर्टिकल्स की महंगाई दर -0.37 फीसदी की दर से अक्टूबर में दिखाई दी है. सितंबर के मुकाबले कुछ क्षेत्रों में बदलाव देखा गया है.
अक्टूबर के महीने में फ्यूल एंड पावर सेगेमेंट की महंगाई दर में गिरावट देखी गई है और ये निगेटिव में आ गई है. अक्टूबर में फ्यूल एंड पावर सेगमेंट की महंगाई दर घटकर -5.79 फीसदी पर आ गई है.
अक्टूबर के महीने में थोक महंगाई दर के आंकड़े कमोबेश रिटेल इंफ्लेशन के आंकड़े के समानांतर ही दिख रहे हैं. अक्टूबर महीने में खुदरा महंगाई दर 6 फीसदी को पार करते हुए 6.21 फीसदी पर जा पहुंची थी. खाद्य महंगाई दर दहाई अंकों को पार करते हुए 10.87 फीसदी पर जा पहुंची है और इसी के चलते खुदरा महंगाई दर में ये बड़ा इजाफा देखने क मिला है.
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