"डेड बॉडी के कवर को लेकर किया घोटाला", कोरोना महामारी के मैनेजमेंट पर जनता ने दिया उद्धव ठाकरे को जवाब
एबीपी लाइव डेस्क November 14, 2024 05:12 PM

Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य में सियासी पारा बढ़ा हुआ है. 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं. इस बार एक ही चरण में 288 सीटों पर चुनाव होंगे.  इस चुनावों के दौरान उद्धव  ठाकरे ने अपन रैलियों के दौरान दावा किया है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कोरोना महामारी को बहुत अच्छे से मैनेज किया था. 

कोरोना महामारी के समय राज्य में महाविकास आघाडी की सरकार थी. इस दौरान मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ही राज्य के मुख्यमंत्री थे. लेकिन मुंबई की जनता ने उनके दावों को खारिज कर दिया है. 

'डेड बॉडी के कवर को लेकर किया घोटाला'

मुंबई का जनता ने कहा, "ग्राउंड पर जो हालात थे, वो राज्य में सबने देखे थे. उन्होंने  डेड बॉडी के कवर में घोटाला किया था. उनका हर चीज में घोटाला है तो वो ये बात कैसे कह सकते हैं कि उन्होंने कोरोना के दौरान राज्य को अच्छे संभाला था. उन्होंने कोरोना के दौरान कुछ भी मैनेज नहीं किया. अगर कोरोना के दौरान उन्होंने ध्यान दिया होता तो आज इतने घोटाले ना हुए होते. उनका खिचड़ी घोटाला भी बहुत ज्यादा चर्चा में आया था. 

खिचड़ी घोटाला पर जनता ने कही ये बात 

ABP न्यूज से बात करते हुए शख्स ने कहा, "कोरोना के समय उद्धव साहब तो अपने घर से निकले नहीं. वो कैसे कह सकते हैं कि उन्होंने कोरोना को अच्छे से मैनेज किया.महाराष्ट्र की जनता ने अच्छा काम किया है. ये सिर्फ कहने की बात है. खिचड़ी घोटाला तो सब जानते हैं. इसमें गवर्नमेंट ने ऑफिशियली 300 ग्राम की खिचड़ी दिया था, लेकिन  300 ग्राम की खिचड़ी में से सिर्फ 200 ग्राम ही लोगों तक पहुंची. उन्होंने पीपीई किट में भी घोटाला किया था. उन्होंने  वैक्सीनेशन के समय पर घोटाला किया था. 

 

इस दौरान दूसरे शख्स ने ABP न्यूज से बात करते हुए उन्होंने कहा, "उद्धव ठाकरे ढाई साल तक मुख्यमंत्री थे. इस दौरान उन्होंने फेसबुक से सरकार चलाई. सरकार कोई फेसबुक से चलाता है क्या. आप को लोगों के बीच जाना होता है."

'जनता देगी जवाब'

एक और शख्स ने कहा, "वो मुख्यमंत्री रहने के दौरान ढाई साल तक मंत्रालय नहीं गए थे. उन्होंने मंत्रालय की सीढ़ियां नहीं चढ़ी है, वो सरकार कैसे चला सकता है. महाराष्ट्र की जनता समझदार है और वो अच्छे से जवाब देगी. कोरोना महामारी के दौरान सब डरे हुए थे और ऐसे में सबको उम्मीद होती है कोई आकर उन्हें दो सहानुभूति के शब्द कह दे.ऐसे समय में हमारे मुख्यमंत्री गायब थे. उन्हें हमें कोई मदद नहीं मिली है. 

 

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