पटना में स्मैक खरीद-बिक्री का सेंटर बने कोतवाली थाना क्षेत्र भीतर कमला नेहरू में TOP की स्थापना की गई है. जहां 24 घंटे पुलिस बल तैनात रहेंगे और इस क्षेत्र में फैले स्मैक के जाल को समाप्त करेंगे.
पटना में स्मैक खरीद-बिक्री का सेंटर बने कोतवाली थाना क्षेत्र भीतर कमला नेहरू में TOP की स्थापना की गई है. जहां 24 घंटे पुलिस बल तैनात रहेंगे और इस क्षेत्र में फैले स्मैक के जाल को समाप्त करेंगे. इसी मोहल्ले में स्मैक बेचने का मास्टरमाइंड चवन्नी रहता ह
इस मोहल्ले में स्मैक और सूखे नशे का कारोबार बहुत पहले से फल-फूल रहा है. हालांकि इसकी भनक कोतवाली पुलिस स्टेशन की पुलिस को भी है, लेकिन इसको रोकने के लिए कभी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. इसी मोहल्ले से 8 नवंबर को एक 3 वर्ष की बच्ची को स्मैक खरीदने आया एक नशेड़ी बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया. हालांकि पुलिस ने इस नशेड़ी के साथ उसके एक सहयोगी को अरैस्ट तो कर लिया, लेकिन बच्ची बरामद नहीं हुई. इसी बच्ची की तलाश में चवन्नी को अरैस्ट करने पुलिस 10 नवंबर को वहां पहुंची थी. बच्ची तो नहीं मिली, लेकिन पुलिस ने चवन्नी को पकड़ लिया. तभी चवन्नी के भाई अठन्नी के इशारे पर वहां के लोगों ने चोर-चोर कहकर पुलिस पर ही धावा कर दिया, जिसमें 3 पुलिसकर्मी घायल हो गए. पुलिस को बैरंग वापस आना पड़ा. इस घटना के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गई. तब पुलिस ने इस मोहल्ले में स्मैक के गिरोह को ध्वस्त करने के लिए TOP की स्थापना की है.
कैसे प्रारम्भ हुआ बवाल
8 नवंबर को कोतवाली थाना क्षेत्र के कमला नेहरू नगर से एक 3 वर्ष की बच्ची गायब हो गई. काफी समय बीत जाने के बाद जब नहीं मिली तब परिजनों ने पुलिस स्टेशन में मुद्दा दर्ज कराया. बच्ची, मोहम्मद अज्जू की 3 वर्ष की बेटी रुकसार थी. मो। अज्जू बर्तन की फेरी का काम करता है. पुलिस ने घर के आसपास के लगे CCTV फुटेज की जांच की. फुटेज में शाम के 6:30 बजे एक आदमी को बच्ची को ले जाते देखा गया. पुलिस ने फुटेज में दिख रहे आदमी की पहचान मनोज कुमार के रूप में कि और 10 नवंबर को उसको अरैस्ट कर लिया. पुलिस ने इसके एक साथी सूरज साव को भी अरैस्ट कर लिया. मनोज इस गली में स्मैक खरीदने गया था. उसी दौरान उसकी नजर बच्ची पर पड़ी. मनोज ने बच्ची को चॉकलेट दिलाने के बहाने वहां से अपने साथ लेकर चला गया.
पुलिस पर धावा भी हुआ
दोनों से बच्ची के बारे में पूछताछ की जा रही है. दोनों पुलिस को गुमराह करते रहे. पुलिस, बच्ची की तलाश के लिए इनके बताए ठिकानों पर छापेमारी करती रही. हर बार पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा. पुलिस को संदेह हुआ कि कहीं बच्ची को इसने कमला नेहरू में स्मैक के सौदागरों को तो नहीं दे दिया. पुलिस वहां बच्ची की तलाश और स्मैक के सौदागर को पकड़ने पहुंची तो पुलिस पर धावा हो गया.
अभी भी पुलिस बच्ची की पहुंच से दूर
हालांकि पुलिस ने 12 नवंबर को चवन्नी को और पुलिस पर धावा करने के इल्जाम में 2 स्त्रियों समेत 7 लोगों को अरैस्ट कर लिया, लेकिन बच्ची अभी भी पुलिस की पहुंच से दूर है.