गिरते शेयर मार्केट में तथाकथित 'मार्केट एक्सपर्ट' पर स्टार इन्वेस्टर विजय केडिया का तंज़, कहा, जूनियर 7 घंटे में बिगनर्स बन गए
et November 15, 2024 05:42 AM
शेयर मार्केट में लगातार गिरावट का दौर चल रहा है. गिरावट इतनी तेज़ हो रही है कि कोई सपोर्ट लेवल काम नहीं कर रहा है. शॉर्ट टर्म इन्वेस्टर्स मार्केट की वोलिटिलिटी को संभाल नहीं पा रहे हैं. पिछले एक महीने से भी ज़्यादा समय से भारतीय शेयर बाज़ार में भारी गिरावट आ रही है. सेंसेक्स और निफ्टी 50 दोनों ही अपने रिकॉर्ड ऊंचाई से 10% से ज़्यादा गिर चुके हैं. अपट्रेंड वाला मार्केट अचानक ही डाउन ट्रेंड में आ गया है.इस बाजार में गिरावट के दौरान स्टार इन्वेस्टर विजय केडिया ने स्वयंभू बाजार 'गुरुओं' पर हल्के-फुल्के अंदाज में कटाक्ष किया. तेजी के दौर में ये अनुभवहीन ट्रेडर्स अचानक मान लेते हैं कि उन्होंने अमीर बनने का नुस्खा खोज लिया है और अनुभवी पेशेवरों की तरह सलाह देना शुरू कर देते हैं. पिछले कुछ समय से ऐसे कई लोग देखे गए जो बिना अनुभव के मार्केट पर अपनी राय देते रहे हैं और कई बार छोटे निवेशकों को उनकी राय से नुकसान हुआ है. माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट में विजय केडिया ने तेजी और मंदी के बाजारों के दौरान निवेशकों की मनोवैज्ञानिक स्थिति पर चर्चा की.केडिया ने चुटकी लेते हुए कहा, "तेजी के बाजार में एक नौसिखिया 7 दिनों में एनालिस्ट, चार्टिस्ट, एडवाइज़र, इकोनॉमिस्ट और जीनियस बन जाता है. मंदी के बाजार में एक जीनियस व्यक्ति 7 घंटों में नौसिखिया बन जाता है."केडिया ने अपनी पोस्ट में यह मज़ेदार तस्वीर भी लगाई जो एक नौसिखिए निवेशक के एनालिस्ट, चार्टिस्ट, काउंसलर, इकोनॉमिस्ट जैसी विभिन्न भूमिका को दर्शाती है. अंततः एक बुल मार्केट के दौरान एक "जीनियस" में बदल जाती है.केडिया का ट्वीट कई रिटेल इन्वेस्टर्स को संबोधित करता है जो बढ़ते बाजार के उत्साह में फंस जाते हैं और जब मार्केट गिरता है तो उन्हें अहसास होता है कि वे फंस चुके हैं. क्या होता है बुल मार्केटबुल मार्केट, फाइनेंशियल मार्केट है जहां कीमतें बढ़ती रही हैं या बढ़ने की उम्मीद होती है. बुल मार्केट में बिकवाली की हर कोशिश नाकाम होती है और प्राइस के ऊंचे से ऊंचे लेवल पर बायर्स खरीदने को तैयार रहते हैं. बुल मार्केट में सिएर्फ बाय साइड ही काम करती है. दूसरी ओर बेयर मार्केट फाइनेंशियक्ल मार्केट की वह स्थिति है जब मार्केट किसी ऊंचे लेवल से 20% या उससे ज़्यादा की लंबी गिरावट में आ जाएं. बेयर मार्केट में निवेशकों में व्यापक निराशा, बड़े पैमाने पर एसेट क्लास कमज़ोर होती है. बेयर मार्केट या मंदी के बाज़ार पूरे बाज़ार या स्पेसिफिक सिक्योरिटीज़ और कमोडीटीज़ को कम से कम दो महीने तक प्रभावित कर सकते हैं.
© Copyright @2024 LIDEA. All Rights Reserved.