बेगूसराय: पकड़ुआ ब्याह, बिहार और सिंह! 80/90 के दशक में बंदूक की नोक पर दूल्हे को अगवा कर उसकी विवाह कर देने की प्रथा की आरंभ को ही पकड़ुआ ब्याह नाम दिया गया था। यह शादी बिहार को एक अलग ही नजरिया में देखने का चश्मा बन गया था। खासकर इसकी आरंभ भूमिहार और राजपूत समुदाय में होने के कई प्रमाण मिले हैं। हालांकि, इसके बाद सभी जातियों में यह शादी देखने को मिलने लगा।
साल 2024 में पकड़ुआ शादी की वापसी भी देखने को मिली है। जहां राजस्व कर्मचारी, बीएससी शिक्षक, सहित कई सरकारी कर्मियों और ठेकेदार परिवार की लड़कों की बंदूक की नौंक पर विवाह कर दी गई। ऐसे में बताया जा रहा है कि इसकी वापसी हो रही है? लेकिन आज हम जो कहानी आपको दिखाने जा रहे हैं, यह बिहार का पहला पकड़ुआ ब्याह है। जिसकी चर्चा हर बिहारी के जुबान पर है। आज इस शादी की चर्चा को लेकर रील बनाते ही वायरल हर शख्स हो जाता है। तो आप भी मिलिए पकड़ुआ ब्याह विलेज से।।
बंदूक की नौंक पर कर दी गई थी शादियां
साल 1989, बिहार के समस्तीपुर जिले के रोसरा अनुमंडल के साहियार डीह के निजी शिक्षक मनोज कुमार सिंह की बारात बेगूसराय के सिमरिया के लिए निकलती है। जब बारात गंतव्य जगह पर पहुंच जाती है तो शारतियों के द्वारा बारात में से कई लड़कों को पकड़ते हैं। जिसमें से 5 लड़कों की बंदूक की नोक पर विवाह कर दी जाती है। अगले दिन जब अपने गांव बाराती लौटते हैं तो एक दुल्हन को लाने गई बारातियों के साथ पांच दुल्हन को देखकर गांव वाले कुछ समझ नहीं पाते हैं। फिर कहा जाता है 5 बारातियों की विवाह कर दी गई है। इस प्रकार 90 के दशक में हुई इस विवाह को पकड़ुआ शादी नाम दिया गया। तबसे इस गांव को पकड़ुआ शादी विलेज भी बोला जाने लगा। जो आज भी चर्चा में है।
जिसकी हुई थी विवाह सबकी बदल गई तकदीर
गांव वालों की मानें तो जिसकी शादियां हुई थी सबकी तकदीर बदल गई। लोकल 18 ने बिहार के सबसे पहले हुए पकड़ुआ शादी वाले गांव की 30 वर्ष बाद पड़ताल की। इस दौरान बाराती रहे सुबोध कुमार सिंह ने कहा कोई लड़का पढ़ाई कर रहा था तो कोई कुछ भी नहीं, लेकिन इस विवाह के बाद सभी पांच दूल्हा की जॉब लग गई | जिसमें से एक दूल्हा राजीव सिंह, दूसरा दूल्हा डॉ।सुशील कुमार सिंह थे जिनका इसी वर्ष मृत्यु हो गया। तीसरा दूल्हा धर्मेंद्र कुमार सिंह थे जबकि चौथा दूल्हा सरोज कुमार सिंह रहें। जबकि 5वें दूल्हे का नाम न दिखाने की गांव वालों ने प्रार्थना की। इस वजह से हम नहीं बता सकते हैं। सौ बात की एक बात की।। एक दुल्हन को लाने गए बाराती पांच दुल्हन के साथ गांव लौटे थे। आज सोशल मीडिया पर सबसे अधिक वायरल रील में यह कहानी पहले जगह पर है।