Bihar Crime: दरभंगा। कामेश्वर सिंह धार्मिक इन्साफ कार्यालय में गुरुवार को हुई फायरिंग का मुख्य अभियुक्त वृहस्पति यादव की शुक्रवार को उपचार के दौरान मृत्यु हो गयी। कटिहार जिले के मनियारी थाना क्षेत्र का निवासी वृहस्पति यादव गुरुवार को यूनिवर्सिटी थाना क्षेत्र के रामबाग परिसर स्थित ट्रस्ट कार्यालय में कार्यरत कर्मियों पर धावा किया था। उसने पहले दो अधेड़ व्यक्तियों पर बांस से धावा किया फिर लगभग दस राउंड फायरिंग की। बांस से किये गये हमले में कार्यालय में कार्यरत दो कर्मी जख्मी हो गये। बाद में क्षेत्रीय लोगों ने वृहस्पति यादव को पकड़ लिया और उसकी बेरहमी से पिटाई की। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने वृहस्पति यादव को हिरासत में लेकर डीएमसीएच उपचार के लिए भेजा। वहां शुक्रवार को उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गयी। पुलिस के मुताबिक वृहस्पति यादव के पास से लगभग 42 जिंदा कारतूस और एक देसी कट्टा बरामद किया गया है।
गुरुवार की दोपहर लगभग तीन बजे वृहस्पति यादव हाथ में बांस लिये कामेश्वर सिंह धार्मिक इन्साफ ट्रस्ट कार्यालय पहुंचा। ट्रस्ट के कर्मी अपने-अपने कार्य में व्यस्त थे। कार्यालय के आदेशपाल ने पूछा कि क्या बात है, इसपर उसने दो बार बांस से वार कर दिया। वह जख्मी होकर भाग गये। इस दौरान बीच बचाव में आये दूसरे कर्मी तिलय मंडल के सिर पर भी बांस से वार किया। वह भी गंभीर रूप से जख्मी हो गये। इसके बाद कार्यालय में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। लोगों को अपनी ओर आता देख हमलावर ने बंदूक निकाली और एक के बाद एक दस राउंड फायरिंग की। फायरिंग के बीच सभी कर्मी वहां से भाग गये। दो कर्मी तो प्रबंधक कार्यालय के कक्ष को बंद कर छिप गये। क्षेत्रीय लोगों ने किसी तरह उसे पकड़ा। इसकी सूचना पुलिस को दी गयी। पुलिस ऑफिसरों के पहुंचने के बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया।
हमलावर ने घटना को क्यों अंजाम दिया है। यह अब तक साफ नहीं हो सका है, लेकिन कहा जा रहा है कि वो अपनी जमीन को लेकर परेशान था। क्षेत्रीय लोगों ने कहा कि वृहस्पति यादव की जमीन कटिहार जिले के मनिहारी में है। उसका बोलना था कि वो जमीन उसे राज दरभंगा ने बंदोबस्त की हुई है। उस जमीन पर अब दूसरे लोगों ने दावा कर दिया है। पिछले दिनों सीओ ने वो जमीन दूसरे पक्ष के नाम बंदोबस्त कर दी। वृहस्पति यादव पहले भी दरभंगा आकर अपने खतियान की खोज कर चुका है। उसका बोलना था कि पहले तो कार्यालय के आसपास रहनेवाले दलालों ने उससे मोटी धनराशि की मांग की, जब उसने कार्यालय के लोगों से संपर्क किया तो उसे कहा गया कि उसका कोई खतियान यहां नहीं है। इसके बाद वो चला गया था। सीओ की ओर से कार्रवाई होने के बाद वो दरभंगा आकर इस घटना को अंजाम दिया है।