रीवा, 15 नवंबर . जनजातीय वर्ग के नायक बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर सिकलसेल एनीमिया से मुक्ति की दिशा में एक पहल हुई है. रीवा में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर प्रीनेटल डायग्नोसिस ऑफ हीमोग्लोबिनोपैथीज स्थापित किया गया है.
उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने रीवा में प्रदेश के पहले शासकीय सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर प्रीनेटल डायग्नोसिस ऑफ हीमोग्लोबिनोपैथीज का लोकार्पण करते कहा है कि जनजातीय समुदाय को सिकल सेल एनीमिया से मुक्ति दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. बिरसा मुंडा की जयंती, जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर गांधी स्मारक चिकित्सालय को यह सौगात मिली है.
उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण केंद्र विंध्य क्षेत्र के नागरिकों, विशेषकर जनजातीय समूह के नागरिकों में रक्त जनित वंशानुगत विकारों के शोध, जांच एवं चिकित्सकीय परीक्षण के लिए समर्पित रहेगा.
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि केंद्र की स्थापना प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को एक नए आयाम पर ले जाने का प्रयास है, जिससे रक्त जनित विकारों से प्रभावित विशेष समूहों को सटीक और समर्पित चिकित्सा सेवा प्रदान की जा सके. विंध्य क्षेत्र के नागरिकों, विशेषकर जनजातीय समुदायों में इन विकारों की व्यापकता को देखते हुए इस केंद्र की आवश्यकता थी. यह केंद्र रक्त जनित वंशानुगत विकारों का गहन अध्ययन करेगा और रोग की समय पर पहचान कर चिकित्सा सेवा प्रदान करेगा.
मध्यप्रदेश में सिकल सेल एनीमिया नियंत्रण के क्षेत्र में प्रयास हो रहे हैं. अब तक 80 लाख 67 हजार 135 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है. सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के प्रथम चरण में 46 लाख से अधिक लोगों को जेनेटिक काउंसलिंग कार्ड वितरित किए गए हैं. मध्यप्रदेश में सिकल सेल एनीमिया नियंत्रण के सफल पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर पूरे देश में सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन 2047 की शुरुआत की गई है, जिसमें 17 राज्य शामिल हैं.
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एसएनपी/एएस
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