दिल्ली का AQI 500 पार, फेफड़ों को काला होने से बचाने के लिए अपनाएं ये आयुर्वेदिक उपाय
GH News November 15, 2024 06:10 PM

आजकल दिल्ली की हवा में जहर घुल रखा है, ऐसे में अपनी सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी है, आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में.

अब इस प्रदूषण का कारण जो भी रहा हो, लेकिन हर कोई इस जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर है. इस जहरीली हवा का असर न सिर्फ हमारे श्वसन तंत्र और फेफड़ों पर पड़ रहा है बल्कि हृदय-लिवर-किडनी भी इसकी चपेट में आ रहे हैं और इलाज के बाद भी इसका असर शरीर पर काफी समय तक रहता है. यहां तक नॉर्मल खांसी को भी ठीक होने में 10 से 15 दिन लगते हैं. खांसी-जुकाम और गला बैठने के मामले हर घर में हैं. जहरीली हवा में लगातार सांस लेने से गठिया जैसी घातक ऑटोइम्यून बीमारियां भी होने लगी हैं. अस्पतालों में सांस के मरीज 30 फीसदी तक बढ़ गए हैं. खराब हवा में सांस लेने वाली गर्भवती महिलाओं के बच्चे गर्भ में ही बीमार हो रहे हैं.

बढ़ते प्रदूषण का प्रभाव नवजात शिशुओं के वजन पर भी पड़ता है, जिससे बच्चे का वजन कम हो जाता है. 16% गर्भपात का कारण नाइट्रस ऑक्साइड में सांस लेना बताया गया है, विज्ञान पत्रिका लैंसेट के एक अध्ययन से पता चलता है कि भारत में लगभग 17 लाख लोग वायु प्रदूषण के कारण मरते हैं, जबकि डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दुनिया भर में हर साल 70 लाख लोग खराब हवा के कारण मरते हैं.

एक तरफ प्रदूषण का खतरा तो दूसरी तरफ ठंड भी अचानक बढ़ गई है. इसका मतलब यह है कि स्वास्थ्य पर दोहरा हमला हो रहा है, आख़िर इससे कैसे बचा जाए? आइए स्वामी रामदेव से जानते हैं प्रदूषण से बचने के आयुर्वेदिक और योगिक उपाय और यह भी जानें कि योग कैसे प्रदूषण के असर को कम करता है.

परेशानियों से दूर रहने के लिए इन उपायों का पालन करें-

  • प्रदूषण हमारे शरीर के अधिकांश अंगों को प्रभावित करता है, हालांकि, यह मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है. अपने फेफड़ों की सुरक्षा के लिए श्वसारि क्वाथ पिएं, मुलेठी उबालकर पिएं और चने की रोटी खाएं.
  • -कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए लौकी का सूप पियें, लौकी की सब्जी खायें और लौकी का जूस भी पिएं
  • -थायराइड से बचने के लिए सुबह सेब का सिरका पिएं, रात को हल्दी वाला दूध लें, थोड़ी देर धूप में बैठें, नारियल के तेल में खाना पकाएं और 7 घंटे की नींद जरूर लें और 30 मिनट तक योग करें.
  • -अपनी किडनी को बचाने के लिए सुबह नीम की पत्तियों का रस और शाम को पीपल की पत्तियों का रस पिएं.
  • -मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए खीरे, करेला, टमाटर का रस लें, जामुन के बीज का पाउडर खाएं.
  • कुल मिलाकर, गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से दूर रहने के लिए अपनी जीवनशैली में बदलाव करने का प्रयास करें. वजन न बढ़ने दें, धूम्रपान छोड़ें, समय पर सोएं और कम से कम 8 घंटे अच्छा आराम करें. नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं, मसालेदार भोजन से बचें, व्यायाम और ध्यान अवश्य करें.
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