अब इस प्रदूषण का कारण जो भी रहा हो, लेकिन हर कोई इस जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर है. इस जहरीली हवा का असर न सिर्फ हमारे श्वसन तंत्र और फेफड़ों पर पड़ रहा है बल्कि हृदय-लिवर-किडनी भी इसकी चपेट में आ रहे हैं और इलाज के बाद भी इसका असर शरीर पर काफी समय तक रहता है. यहां तक नॉर्मल खांसी को भी ठीक होने में 10 से 15 दिन लगते हैं. खांसी-जुकाम और गला बैठने के मामले हर घर में हैं. जहरीली हवा में लगातार सांस लेने से गठिया जैसी घातक ऑटोइम्यून बीमारियां भी होने लगी हैं. अस्पतालों में सांस के मरीज 30 फीसदी तक बढ़ गए हैं. खराब हवा में सांस लेने वाली गर्भवती महिलाओं के बच्चे गर्भ में ही बीमार हो रहे हैं.
बढ़ते प्रदूषण का प्रभाव नवजात शिशुओं के वजन पर भी पड़ता है, जिससे बच्चे का वजन कम हो जाता है. 16% गर्भपात का कारण नाइट्रस ऑक्साइड में सांस लेना बताया गया है, विज्ञान पत्रिका लैंसेट के एक अध्ययन से पता चलता है कि भारत में लगभग 17 लाख लोग वायु प्रदूषण के कारण मरते हैं, जबकि डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दुनिया भर में हर साल 70 लाख लोग खराब हवा के कारण मरते हैं.
एक तरफ प्रदूषण का खतरा तो दूसरी तरफ ठंड भी अचानक बढ़ गई है. इसका मतलब यह है कि स्वास्थ्य पर दोहरा हमला हो रहा है, आख़िर इससे कैसे बचा जाए? आइए स्वामी रामदेव से जानते हैं प्रदूषण से बचने के आयुर्वेदिक और योगिक उपाय और यह भी जानें कि योग कैसे प्रदूषण के असर को कम करता है.
परेशानियों से दूर रहने के लिए इन उपायों का पालन करें-