Jharkhand Chunav 2024: पहली बार बलियापुर विधानसभा से चुनाव लड़ने के बाद यह हुआ था बिनोद बाबू का हाल
Krati Kashyap November 15, 2024 06:28 PM

Jharkhand Chunav 2024, धनबाद : झारखंड की राजनीति में बिनोद बिहारी महतो उन गिने चुने सियासी शख्सियतों में शुमार हैं, जिनके नाम की झारखंड में राजनीति करने वाले दल और नेता कसमें खाते हैं झारखंड की राजनीति में बिनोद बाबू का काफी गहरा असर रहा है उनके मृत्यु पर 33 वर्षों के बाद भी झारखंड की राजनीति में एक बड़ा धड़ा उनके नाम के इर्द-गिर्द घूमता है लेकिन जब बिनोद बाबू ने राजनीति में पहली बार कदम रखा, तो उन्हें स्वयं नाकामी झेलनी पड़ी थी उन्होंने पहली बार बलियापुर विधानसभा से चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा

vinod bihari

सात बार लड़ा विधानसभा का चुनाव

बिनोद बिहारी महतो ने अपने चार दशक के राजनीति जीवन में सात बार विधानसभा का चुनाव लड़ा था इसमें 1980 में टुंडी, 1985 में सिंदरी और फिर 1990 में टुंडी विधानसभा सीट से ही कामयाबी हासिल की थी, लेकिन इससे पहले चार बार उन्हें विधानसभा चुनाव में नाकामी मिली थी बिनोद बाबू ने पहली बार बलियापुर विधानसभा सीट (अब अस्तित्व में नहीं है) से 1951 -52 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था तब उन्हें बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था उस समय चुनाव मैदान में सात प्रत्याशी थे वह सातवें नंबर रहे थे उन्हें कुल 403 वोट मिले थे बलियापुर विधानसभा सीट से तब झरिया राजा काली प्रसाद सिंह विजयी हुए थे

1957 में निरसा विधानसभा से बिनोद बिहारी महतो ने जीता चुनाव

बिनोद बिहारी महतो ने दूसरी बार निरसा विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ा था उन्होंने इस बार बेहतर प्रदर्शन किया था इस चुनाव में वह दूसरे नंबर पर रहे थे वह कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी राम नारायण शर्मा से हार गये थे जहां श्री शर्मा को 17890 वोट मिले थे, वहीं बिनोद बाबू को 7938 वोट मिले थे

1962 में जोड़ापोखर से लड़ा विधानसभा चुनाव

बिनोद बिहारी महतो ने तीसरी बार जोड़ापोखर विधानसभा सीट (अब अस्तित्व में नहीं है) से भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था उन्होंने इस बार भी बेहतर प्रदर्शन किया था इस चुनाव में भी वह दूसरे नंबर पर रहे थे और कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी राम नारायण शर्मा से ही हार गये थे राम नारायण शर्मा को तब 14,931 वोट मिले थे वहीं बिनोद बिहारी महतो को 9820 वोट मिले थे

1972 में टुंडी विधानसभा से चुनाव लड़कर तीसरे जगह पर रहे

बिनोद बाबू ने 1962 के बाद सीधे चौथी बार टुंडी विधानसभा क्षेत्र से 1972 में फिर से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में थे इस चुनाव में वह तीसरे नंबर पर रहे थे तब यहां से कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी सत्य नारायण सिंह चुनाव जीते थे जबकि दूसरे नंबर पर भारतीय जन संघ के प्रत्याशी सत्य नारायण दुदानी रहे थे

1980 में पहली बार हासिल की जीत

बिनोद बिहारी महतो पहली बार टुंडी विधानसभा सीट से 1980 में चुनाव जीतने में सफल हुए थे इस बार वह झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से चुनाव लड़े थे उन्होंने कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी नौरंगदेव सिंह को हराया था वहीं तीसरे नंबर पर बीजेपी के प्रत्याशी सत्य नारायण दुदानी रहे थे इसके बाद बिनोद बाबू ने 1985 में सिंदरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था यहां उन्होंने कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी मुख्तार अहमद को हराया था बिनोद बाबू को 22,487 वोट मिले थे जबकि मुख्तार अहमद को 20,708 मत मिले थे 1990 में उन्होंने तीसरी बार टुंडी विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी तब उन्होंने कांग्रेस पार्टी के उदय कुमार सिंह को हराया था उन्होंने जीवन का आखिरी चुनाव गिरिडीह लोक सभा सीट से लड़ा था इसमें वह विजयी रहे थे उनका मृत्यु 18 दिसंबर 1991 को हो गया था

© Copyright @2024 LIDEA. All Rights Reserved.