मेघालय के शिलांग स्थित नॉर्थ-ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी (एनईएचयू) में छात्रसंघ के अध्यक्ष सैंडी सोहटुन को अपनी भूख हड़ताल के कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ा. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, जहां उनकी स्थिति को देखते हुए उन्हें शिलांग सिविल अस्पताल के क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) में भर्ती किया गया.सोहटुन को धुंधली दृष्टि और अन्य खतरनाक लक्षणों के कारण तुरंत अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. डॉक्टरों का कहना है कि उनके शरीर में आंतरिक अंगों से संबंधित जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं, जो उनकी स्थिति को और अधिक गंभीर बना सकती हैं.
एनईएचयू के आंदोलनकारी छात्र अपनी विभिन्न मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हैं. उनकी मुख्य मांगों में कुलपति प्रोफेसर प्रभा शंकर शुक्ला, रजिस्ट्रार और अन्य अधिकारियों के इस्तीफे की बात शामिल है. छात्रों का कहना है कि उनका भविष्य विश्वविद्यालय के कुप्रबंधन और प्रशासनिक विफलताओं के कारण खतरे में पड़ चुका है.
जांच के लिए गठित हो सकती है समिति
6 नवंबर को छात्रों ने विश्वविद्यालय में तालाबंदी भी की थी, और उनकी मांगों पर कार्रवाई न होने के कारण आंदोलन तेज होता जा रहा है. छात्रों का मानना है कि उनके हक में कोई कार्रवाई नहीं होने तक वे अपने संघर्ष को जारी रखेंगे. वहीं भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों की चिंताओं को गंभीरता से लिया है. 14 नवंबर को मंत्रालय ने विश्वविद्यालय के कुप्रबंधन और प्रशासनिक विफलताओं की जांच के लिए एक समिति गठित करने का निर्णय लिया.
‘मांगे पूरी होने तक जारी रहेगा आंदोलन’
मंत्रालय ने छात्रों और छात्र संघों की ओर से उठाए गए गंभीर मुद्दों पर ध्यान दिया और इस कदम को उठाया. सैंडी सोहटुन की बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति इस आंदोलन के दौरान हो रहे बलिदानों और संघर्षों को उजागर करती है. छात्रों की मांगें पूरी होने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा, और यह घटनाक्रम न्याय और बदलाव की ओर एक महत्वपूर्ण कदम प्रतीत हो रहा है.
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