वायनाड: केंद्र सरकार ने केरल के वायनाड जिले में 30 जुलाई को हुए भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने से मना कर दिया है। सरकार ने कहा कि ऐसी घटनाओं को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का कोई प्रावधान नहीं है और आपदा प्रबंधन का दायित्व मुख्य रूप से राज्य सरकार का होता है।
केरल सरकार ने इस त्रासदी के बाद केंद्र से 900 करोड़ रुपये की मदद की मांग की थी, ताकि प्रभावित लोगों के पुनर्वास और राहत कार्य किए जा सकें। इस घटना में 231 लोगों की जान चली गई थी और 47 लोग अभी भी लापता हैं। भूस्खलन से 900 से अधिक परिवार विस्थापित हुए और तीन बस्तियाँ लगभग खाली हो गईं।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने केरल के प्रतिनिधि केवी थॉमस को पत्र लिखकर बताया कि केरल के पास राहत कार्यों के लिए पहले से पर्याप्त धन है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में केरल को 388 करोड़ रुपये दिए गए हैं, जिसमें से 145.60 करोड़ की पहली किस्त 31 जुलाई को और दूसरी किस्त 1 अक्टूबर को जारी की गई। इसके अलावा, राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) में भी 394.99 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध है।
पत्र में यह भी बताया गया कि केंद्र सरकार की एक टीम ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और अपनी रिपोर्ट दी, जिसके आधार पर आवश्यक कदम उठाए गए हैं।
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