विज्ञान न्यूज़ डेस्क,साल 2024 का आखिरी सूपरमुन आज नजर आएगा। आज कार्तिक पूर्णिमा की रात को फुल मून नाइट होगी और आज रात आसमान में लोग सुपरमून (Beaver Moon) को देखेंगे। आज रात चंदामामा अपनी 7 बहनों के साथ नजर आएंगे, यानि आज चांद के साथ 7 तारों का समूह भी नजर आएगा, जिसे प्लीएडीज कहते हैं। अब से पहले 16 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा के दिन सुपरमून नजर आया। 15 नवंबर के बाद 15 दिसंबर को भी सुपरमून लगना था, लेकिन अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने दिसंबर सुपरमून नहीं दिखने का अलर्ट दिया है। वहीं नवंबर में दिखने वाले सुपरमून को नॉर्थ अमेरिकी ट्रेडिशन के चलते Beaver Moon कहा जा रहा है।
कब दिखेगा और क्या भारत में नजर आएगा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सुपरमून आज 15-16 नवंबर की रात को नजर जाएगा। भारतीय समयानुसार सुपरमून सुबह 2.58 बजे दिखने लेगा। भारत में सुपरमून का नजारा 16 नवंबर की शाम को सूरज डूबने के बाद जब चंद्रोदय होगा, तब नजर आएगा। करीब 20 से 30 मिनट तक चांद बेहद विशाल और और दिनों से ज्यादा चमकदार नजर जाएगा। पूर्वानुमान है कि आज सुपरमून नॉर्मल से 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत ज्यादा चमकीला नजर आएगा।
सेवन सिस्टर्स’ की कहानी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आज रात लगने वाला सुपरमून इसलिए खास है, क्योंकि आज चंद्रमा के साथ 7 तारें, जिन्हें उनकी 7 बहनें माना जाता है, नजर आएंगे। यह 7 तारे चांद के बाईं ओर नीचे की तरफ नजर आएंगे। 16 नवंबर की शाम को यही तारें चांद के दाईं ओर ऊपर की तरफ दिखेंगे। दूरबीन या टेलीस्कोप से यह नजारा और ज्यादा साफ, पास से और खूबसूरत नजर आएगा। अंतरिक्ष की दुनिया का सबसे दुर्लभ नजार होता है सुपरमून, जो हर साल नजर आता है।
क्या होता है सुपरमून
सुपरमून तब लगता है, जब चंद्रमा अपनी कक्षा में पृथ्वी के सबसे करीब होता है। धरती के सबसे करीब जिस जगह पर चंद्रमा होता है, उस जगह को पेरिजी (Perigee) कहते हैं। चंद्रमा की यह स्थिति पूर्णिमा की रात को होती है। इसके विपरीत जब चंद्रमा अपनी कक्षा में पृथ्वी से सबसे दूर होता है तब उस स्थिति को माइक्रोमून कहा जाता है। उस स्थिति में चंद्रमा सबसे छोटा और सबसे फीका दिखता है।