बॉलीवुड न्यूज़ डेस्क - बॉलीवुड एक्टर विक्रांत मैसी की फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। इस फिल्म के जरिए एक्टर ने लंबे समय बाद बड़े पर्दे पर वापसी की है। धीरज सरना द्वारा निर्देशित इस फिल्म की कहानी गुजरात में हुए गोधरा कांड पर आधारित है। इस फिल्म की घोषणा के बाद से ही फैंस इस फिल्म को देखने के लिए बेताब थे। आज जब 'द साबरमती रिपोर्ट' सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है तो इसे देखने के बाद दर्शकों ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है। फिल्म को अब तक पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिला है। अगर आप अभी भी सोच रहे हैं कि विक्रांत मैसी की फिल्म देखें या नहीं तो यहां हम आपको इस फिल्म को देखने के 5 कारण बताएंगे...
विक्रांत मैसी की एक्टिंग को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता
विक्रांत मैसी ने बहुत ही कम समय में दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बना ली है। उनकी पिछली सभी फिल्में इस बात की गवाह हैं कि विक्रांत अपनी एक्टिंग से कभी समझौता नहीं करते। अपनी पिछली फिल्म 'सेक्टर 36' में एक्टर ने पहली बार निगेटिव रोल निभाया और उससे भी लोगों का दिल जीत लिया। 'द साबरमती रिपोर्ट' में विक्रांत ने जबरदस्त एक्टिंग की है। उनके इमोशन और एक्सप्रेशन आपको काफी पसंद आएंगे।
दुखद हादसे के पीछे छिपी कहानी
विक्रांत मैसी की फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' गुजरात के गोधरा कांड पर आधारित है। साल 2002 में जब साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में कई लोग जलकर मर गए थे, तब यह दुखद हादसा इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। बहुत से लोग हैं जो आज भी इस घटना से वाकिफ नहीं हैं। फिल्म के जरिए आप गोधरा कांड को समझ पाएंगे। उस वक्त लोगों ने जो दर्द सहा, उसके पीछे की कहानी को फिल्म में बखूबी दिखाया गया है।
एकता कपूर का अच्छा प्रयास
जब भी एकता कपूर की बात आती है, तो सबसे पहले उनके दिमाग में सास-बहू टाइप के डेली सोप आते हैं, लेकिन अब वह इन चीजों से ऊपर उठ चुकी हैं। डेली सोप और लव-सेक्स कंटेंट को पीछे छोड़कर अब उन्होंने अच्छा कंटेंट चुना है। अगर आप उनके डेली सोप के फैन हैं और अब उन्हें कुछ नया करते देखना चाहते हैं, तो इस फिल्म को मिस करना बेवकूफी होगी।
वीएफएक्स तकनीक का जबरदस्त इस्तेमाल
फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' में कई ऐसे सीन हैं, जिनमें वीएफएक्स तकनीक का शानदार इस्तेमाल किया गया है। जहां ट्रेन जलने का सीन है, वहां वीएफएक्स शानदार परफॉर्म करता है। हालांकि सिनेमेटोग्राफी के लिहाज से फिल्म थोड़ी हल्की लगती है, लेकिन फिल्म पर इसका ज्यादा असर नहीं दिखता।
सच्ची घटनाओं को सिल्वर स्क्रीन पर उतारना अपने आप में बड़ी चुनौती है। अगर एक भी तथ्य गलत हुआ, तो हंगामा मचना तय है। इस मामले में फिल्म 'द साबरमती रिपोर्ट' आपको निराश नहीं करेगी। करीब दो घंटे लंबी इस फिल्म को बनाने में धीरज सरना ने कमाल का डायरेक्शन किया है और हर पहलू को बारीकी से पर्दे पर उतारा है।