झारखंड में मुसलमान जनसंख्या बढ़ने के बाद विद्यालयों में शुक्रवार को साप्ताहिक छुट्टी का मामला फिर से चर्चा में है. असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने झारखंड में एक जनसभा के दौरान प्रश्न उठाया कि यदि नमाज के लिए शुक्रवार को विद्यालय बंद हो सकते हैं, तो हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए मंगलवार को विद्यालय क्यों बंद नहीं हो सकते?
यह बयान उन्होंने झारखंड में चल रहे विधानसभा चुनावों के बीच दिया. झारखंड में दो चरणों में चुनाव हो रहे हैं, जहां 13 नवंबर को पहले चरण का मतदान हुआ और दूसरा चरण 20 नवंबर को होगा. असम के सीएम, जो भाजपा के सह-प्रभारी हैं, इन दिनों झारखंड में पार्टी के चुनाव प्रचार में जुटे हैं. हिमंत बिस्वा सरमा ने बोला कि राष्ट्र में आमतौर पर रविवार को विद्यालयों की छुट्टी होती है, लेकिन झारखंड में कई स्थान शुक्रवार को विद्यालय बंद किए जा रहे हैं. उन्होंने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से प्रश्न करते हुए बोला कि यदि मुसलमान समुदाय के लिए शुक्रवार को विद्यालय बंद हो सकते हैं, तो हिंदू बच्चों के लिए मंगलवार को छुट्टी क्यों नहीं दी जा सकती.
सरमा ने यह भी बोला कि जब संविधान बनाया गया था, तो हिंदू बहुसंख्यक होने के बावजूद रविवार को छुट्टी को स्वीकार किया गया. उन्होंने इसे “बड़ा दिल” दिखाने का उदाहरण बताया. लेकिन अब झारखंड में शुक्रवार को विद्यालयों की साप्ताहिक छुट्टी को लेकर प्रश्न खड़े हो रहे हैं. यह टकराव नया नहीं है. पिछले वर्ष भी झारखंड के जामताड़ा और दुमका जिलों के 33 विद्यालयों में शुक्रवार को छुट्टी का मुद्दा सामने आया था. बिहार के किशनगंज में भी 37 विद्यालयों में ऐसा ही चल रहा था. इस मामले पर टकराव बढ़ने के बाद बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने जांच के आदेश दिए थे और जिला ऑफिसरों से रिपोर्ट मांगी थी.
हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर इस मामले को लेकर प्रश्न उठाया और झारखंड गवर्नमेंट को घेरा. उन्होंने बोला कि यदि नमाज के लिए छुट्टियां दी जा सकती हैं, तो हनुमान चालीसा के लिए भी छुट्टी दी जानी चाहिए. यह बयान चुनावी माहौल में बड़ा मामला बन गया है.