जयपुर न्यूज़ डेस्क, राजस्थान में भाजपा सदस्यता अभियान की धीमी गति को लेकर भाजपा प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल ने नाराजगी जताई है। भाजपा कार्यालय में शुक्रवार को बैठक में अग्रवाल ने कहा कि जब आपको टारगेट और निर्धारित समय की जानकारी थी तो फिर सदस्य क्यों नहीं बनाए गए। उन्होंने कहा कि जिलाध्यक्षों का ईमानदारी के साथ मूल्यांकन होना चाहिए। जो जिलाध्यक्ष लक्ष्य को पाने में सफल होंगे, उन्हें पुरस्कृत करेंगे। जो सफल नहीं होंगे, उन्हें आराम भी कराया जा सकता है। 15 दिन बाद फिर से बैठेंगे और फैसला करेंगे। बैठक भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ की अध्यक्षता में हुई।प्रभारी अग्रवाल ने कहा कि राजनीति में कुछ भी स्थाई नहीं होता है। बैठक में तय किया गया कि 50 सदस्य बनाने वाले भी सक्रिय सदस्य बन सकेंगे। पहले सक्रिय सदस्य के लिए सौ सदस्य बनाने की अनिवार्यता थी।
सीएम का फोन भी आए तो मना कर देना
प्रभारी अग्रवाल ने जिलाध्यक्षों से कहा कि बूथ और मंडल अध्यक्ष के चुनाव में किसी के दबाव में नहीं आना है। काम पारदर्शी सिस्टम से ही होगा। सीएम का भी फोन आ जाए तो उन्हें भी मना कर देना ।
‘चुनाव आयोग के नियंत्रण में प्रशासन’
देवली-उनियारा हिंसा पर अग्रवाल ने कहा है कि आचार संहिता के दौरान प्रशासन चुनाव आयोग के नियंत्रण में रहता है। डीजीपी और मुख्य सचिव भी आयोग के ही नियंत्रण में काम करते हैं। जो कुछ हुआ है वह चुनाव के दौरान हुआ।