सहरसा। इजरायल की तर्ज पर खेती अब बिहार में भी हो सकेगी। सहरसा अभियंत्रण महाविद्यालय के एक विद्यार्थी ने ऐसा प्रोजेक्ट तैयार किया है, जिसकी विशेषता सुनकर आप दंग रह जाएंगे। इस प्रोजेक्ट में उन्नत तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे खेती को अधिक फायदा हो सकता है। दअरसल, सहरसा अभियंत्रण महाविद्यालय के विद्यार्थी ने स्मार्ट इरिगेशन विथ प्रीश्चियन एग्रीकल्चर प्रोजेक्ट तैयार किया है। जिस प्रोजेक्ट भीतर किसान अपने खेत की देखभाल कहीं पर बैठकर कर सकते हैं। साथ ही साथ बिना खेत पर जाए खेतों में आवश्यकता के मुताबिक पटवन भी किया जा सकता है। इस प्रोजेक्ट को तैयार करने में महज 1200 का खर्च हुआ। जिसमें दो से तीन सेंसर, मिनी बैटरी और 2 पानी टैंक का इस्तेमाल किया गया है। वहीं, इस डिवाइस का कनेक्शन सीधे मोबाइल से होगा। यहां तक की मुंबई दिल्ली जैसे बड़े-बड़े शहरों में बैठकर आप अपने खेत की स्थिति को देख सकते हैं। खास तौर पर इजराइल में इस्तेमाल होने वाले तकनीक के तर्ज पर यह प्रोजेक्ट को तैयार किया गया जो किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा।
इस प्रोजेक्ट को तैयार किए विद्यार्थी देवराज चौधरी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को तैयार करने का मुख्य मकसद यह है कि जिस तरह इजराइल उन्नत खेती के लिए जिस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है। अब इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बिहार के किसान भी कर सकेंगे। बिहार के किसान यदि इस तकनीक का इस्तेमाल करेंगे तो उनकी आय दोगनी हो सकती है। जिसके लिए इस प्रोजेक्ट को तैयार किया गया है। वहीं, यह एक ऐसा प्रोजेक्ट है जो कहीं से भी कंट्रोल किया जा सकता है कोई भी किसान अपने खेत की देखभाल कहीं पर बैठकर कर सकते हैं मोबाइल पर उन्हें मैसेज भी चला आएगा। इस प्रोजेक्ट को तैयार करने में देवराज के साथ 4 से 5 सहयोगी का योगदान मिला।
स्मार्ट इरिगेशन प्लान से काम होगा आसान
इजरायल खेती के मुद्दे में काफी उन्नत टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं और उस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अब हम लोग भी कर सकते हैं और काफी सस्ते दरों में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। एक किट पर महज 1200 से 1500 का खर्च होगा और इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल मोबाइल के जरिए किसान कर सकेंगे। किसान को पंप को चालू और बंद करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। मशीन में जो सेंसर का इस्तेमाल किया गया है उस सेंसर के जरिए मशीन स्वयं डिसाइड कर लेगी कि कब खेतों में पानी डालना है और कब नहीं। इस प्रोजेक्ट में एक घर का रूप दिया गया है जिसमें एक भाग में बारिश का पानी एकत्रित हो जाएगा। बारिश के पानी में नाइट्रोजन की मात्रा अधिक होती है जो कि फसल के लिए काफी लाभदायक होता है, अपने कैटल फार्मिंग को साफ करने के लिए उस पानी को हम लोग इस्तेमाल कर सकते हैं। उसके बाद जो वेस्ट पानी होगा वह दूसरे टैंक में एकत्रित कर लिया जाएगा, वहां से मोटर के माध्यम से और स्मार्ट इरिगेशन प्लान के सहायता से एक ऑटोमेटिक सिस्टम तैयार किया गया है जहां स्वयं सेंसर के जरिए जहां पानी की आवश्यकता होगी वहां पर स्वयं पर स्वयं चला जाएगा।