नवी मुंबई की ऐरोली सीट से दोबारा जीते गणेश नाइक को मंत्री बनाकर बीजेपी ने डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे को उनके गढ़ में ही घेरने की कोशिश की है. नाइक को नवी मुंबई और ठाणे की राजनीति का बड़ा चेहरा माना जाता है। साल 2004 से 2014 तक जब महाराष्ट्र में कांग्रेस एनसीपी की सरकार थी, तब गणेश नाइक का ठाणे जिले में दबदबा था. गणेश नाइक और आनंद दिघे ने एक ही समय में राजनीति में प्रवेश किया। दिघे और नाइक के बीच हमेशा झगड़ा होता रहता था. जब नाइक ने शिवसेना छोड़ी तो विधानसभा चुनाव में गणेश नाइक को बेलापुर सीट से सीताराम भोईर नाम के शिवसैनिक ने हरा दिया था. इस चुनाव में आनंद दिघे ने अहम भूमिका निभाई.
शिंदे और नाइक के बीच खींचतानआनंद दिघे के शिष्य एकनाथ शिंदे का भी राजनीति में गणेश नाइक से टकराव था. सीएम बनने के बाद शिंदे ने नाइक के वर्चस्व को हर संभव तरीके से चुनौती दी. नवी मुंबई नगर निगम का विकास कार्य हो या एमआईडी प्लॉट या सड़कें, शिंदे ने अपना दबदबा बनाए रखा।
नाइक ने भी कोई कसर नहीं छोड़ीनाइक ने सीएम के खिलाफ भी बयानबाजी की. उन्होंने पार्टी का ध्यान आकर्षित किया और सीएम द्वारा स्वीकृत कुछ कार्यों में बाधा डालने की भी पूरी कोशिश की। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में सीएम शिंदे के खास विजय चौगुले ने ऐरोली सीट से गणेश नाइक को हटाने के लिए निर्दलीय उम्मीदवार खड़ा किया था, लेकिन नाइक 95 हजार से ज्यादा वोटों से जीते।
बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्षठाणे जिले को शिवसेना का गढ़ कहा जाता है, लेकिन यहां बीजेपी अच्छी स्थिति में उभर रही है. हालिया विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 9 सीटों पर चुनाव लड़ा और सभी सीटों पर जीत हासिल की. शिंदे की शिवसेना 7 सीटों पर चुनाव लड़ी और 6 सीटें जीतने में कामयाब रही. बीजेपी अब डोंबिवली विधायक और पूर्व मंत्री रवींद्र चव्हाण को प्रदेश अध्यक्ष बनाने जा रही है. चव्हाण भी शिंदे को ज्यादा पसंद नहीं करते.
नगर निगम चुनाव पर एक नजरठाणे जिले के 6 नगर निगमों कल्याण-डोंबिवली, नवी मुंबई, ठाणे, मीरा भयंदर, उल्हास नगर और भिवंडी में चुनाव होने हैं। इनमें से 3 नगर निगमों में अकेले बीजेपी सत्ता में रही है. ठाणे जिला परिषद के चुनाव भी होने हैं. ऐसे में बीजेपी की 100 फीसदी जीत के लिए रवींद्र चव्हाण को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा रहा है. गणेश नाइक को मंत्री बनाया गया है.