जयपुर न्यूज़ डेस्क , जयपुर एग्जीबिशन गैलरी में प्रवेश करते ही सामने की दीवार पर ‘लेवेंडर ट्री’ जिसका नाम ‘वृक्षराज’ है, देखने को मिला। उस पर नजर पड़ते ही पहला ख्याल आया, अरे ये क्या? ऐसा भी कोई पेड़ होता है भला... लेवेंडर रंग का, शायद नहीं। कुछ ऐसा ही ख्याल कलाकार के जेहन में आया और उन्होंने इस रंग के पेड़ की तलाश की और नहीं मिला। ऐसे में कलाकार ने इस मिनिएचर पेंटिंग को 6 महीने में बनाकर तैयार किया। इसे करीब 80 साल पुरानी वसली शीट पर बनाया है। ये पेंटिंग जवाहर कला केंद्र में शुक्रवार से शुरू हुई कला प्रदर्शनी ‘सृजन आनंद’ में शामिल है।
कलाकार ने इसके जरिए संदेश दिया है कि जो चीजें हमें शुरुआत से ही जिस रंग, रूप और स्वरूप में दिखाई देती हैं हम मान लेते हैं कि वह मूल रूप में भी उसी तरह हैं। पेड़ के इर्द-गिर्द तितलियां और पक्षी फलों की तलाश में मंडरा रहे हैं। यहां कलाकार मुस्कान चौधरी और वंदिता शांडिल्य की करीब 60 पेंटिंग्स प्रदर्शित की गई हैं।अपने अंतर्मन को खोजती कलाकार और उसकी पुकार पेंटिंग में दिखी }अपने मन की आवाज को सुनकर रंगों, ख्वाबों, सुरों और सपनों की दुनिया को एक्सप्लोर करती महिलाओं का अक्स पेंटिंग में दिखा। कई तरह के म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स प्ले करती और उनसे निकलती धुनों में खोई महिलाएं दिखीं। खुद को एक्सप्लोर करती रंगों की दुनिया में खोई महिलाओं की 7 पेंटिंग्स की सीरीज को साल भर में कलाकार ने तैयार किया। सभी ऑइल मीडियम में तैयार की गई हैं।
‘द बर्थ ऑफ वीनस’ पेंटिंग से प्रेरित सीप से निकलकर उड़ने को तैयार महिला }‘सुलक्क्षणा’ शीर्षक से तैयार पेंटिंग में खूबसूरत महिला को दिखाया है। तस्वीर में महिला अपने यौवन रूप में दिख रही है। इसे कलाकार ने ‘द बर्थ ऑफ वीनस’ पेंटिंग से प्रेरित होकर भारतीय शैली में बनाई है। इसमें ब्रश को पेन जितना बारीक करके पेंट किया है। इसमें स्टोन कलर्स का उपयोग किया है। इसमें महिला को सीप रूपी संसार से निकलते ही उड़ना चाहती है। महिला की उड़ान को गुलाबी रंगों में कलाकार ने उतारा है।